यूपी सरकार ने की सिफारिश कि 16 की उम्र में वोटर लिस्ट में नाम हो शामिल
फर्जी वोटर्स का नाम हटाने और ड्यूप्लिकेसी को रोकने के लिए वोट देने के लिए उम्र सीमा 18 से 16 हो सकती है

लखनऊ. प्रदेश में अब वोट करने के लिए उम्र सीमा 18 से 16 की जा सकती है। 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की वैधता को लेकर रिपोर्ट भेजी गयी, जिसमें फर्जी वोटर्स का नाम हटाने के लिए उनके मोबाइल नंबर्स दर्ज किए जाने की बात कही गयी है। इसी के साथ यह भी कहा गया है कि वोटर्स की उम्र सीमा 18 से 16 कर दी जाए। इसका मतलब जब किसी की उम्र 16 साल हो जाए, तो उसका नाम मतदाता रिकार्ड में शामिल कर लिया जाए। 18 की उम्र के होने पर उनका नाम, पता और पिता का नाम लिखते ही ड्यूप्लिकेसी मतदाता लिस्ट से बाहर हो जाएगा। इस तरह के फैसले का कारण है कि देश से विकास बाधित कार्यों को दूर किया जा सके।
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सिर्फ उम्र सीमा में बदलाव ही नहीं बल्कि ये भी कहा गया कि मतदाताओं के नाम आधार कार्ड से लिॆंक कराए जाने चाहिए। ड्यूप्लिकेट मतदाताओं को हटाने के लिए उपयुक्त सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाना चाहिए। मोबाइल नंबर फीड करने पर भी ड्यूप्लिकेसी खत्म होगी।
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एक साथ चुनाव से होगा विकास
इसी के साथ-साथ रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अगर एक साथ चुनाव होते हैं, तो इससे देश में अच्छा शासन होगा। इससे विकास और सामान्य प्रशासन की परेशानी भी दूर होगी। देखा जाए, तो देश की कई परेशानियां इससे दूर हो सकती हैं।
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सात सदस्यों की एक कमिटी हुई शामिल
इस रिपोर्ट को तैयार करने और इस तरह के बदलाव लाने के लिए सात सदस्यों की एक कमिटी गठित की गयी थी। इसमें यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पूर्व सूचना आयुक्त विजय शर्मा, प्रतिष्ठित वकील और प्रोफेसर शामिल थे।
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