वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने हर विभाग से पेट्रोल-डीजल पर खर्च होने वाली रकम का ब्योरा मांगा है। इसके अलावा वित्त विभाग अलग-अलग मदों में होने वाले फिजूल खर्चों को कम करने की तैयारी कर रहा है। ताकि बचने वाली रकम को विकास कार्यों पर खर्च किया जा सके।
यात्रा व्यय की फिजूलखर्ची को भी कम करेगी राज्य सरकार राज्य सरकार विभागों में फिजूलखर्जी कम करना चाहती है। दरअसल, कई ऐसे मंत्री और अफसर हैं, जिनके पास एक से ज्यादा विभागों का चार्ज है। ज्यादातर मंत्री और अफसर हर विभाग की गाड़ियों का इस्तेमाल अपने काफिले के लिए करते हैं। कई बार नेता और अफसर का स्टाफ अलग-अलग विभाग से मिलने वाली गाड़ियों का इस्तेमाल करता है। वहीं, मंत्रियों की यात्रा और निदेशालयों पर भी फिजूलखर्ची होती है। इन सभी खर्चों पर राज्य सरकार लगाम लगाने की तैयारी में है।
हर साल बढ़ा यात्रा व्यय यात्रा व्यय के लिए मद हर साल बढ़ता गया है। इससे जुड़े खर्चों के मामले में 2017-18 में 435 करोड़ रुपये का बजट था। 2018-19 में यह बजट बढ़कर 542 करोड़ रुपये का हो गया। वहीं 2019-20 के लिए करीब 622 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।