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लखनऊ

यूपी सरकार AKTU को इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स विकास के लिए देगी 1 करोड़ की आर्थिक मदद

इन्क्युबेटर्स के प्रोडक्ट को मार्केट करने के लिए एकेटीयू ने मिलाया प्रदेश सरकार के आईटी विभाग से हाथ

लखनऊAug 27, 2018 / 09:37 pm

Prashant Srivastava

AKTU

यूपी सरकार एकेटीयू को इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स विकास के लिए देगी 1 करोड़ की आर्थिक मदद

लखनऊ. एकेटीयू ने तकनीक के क्षेत्र में इन्क्युबेटर्स को कंपनी में तब्दील करने के लिए के उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कार्य करने का निर्णय लिया है। इसके लिये डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में कलाम इनोवेशन, इन्क्यूबेशन एवं स्टार्ट-अप सेंटर में उत्तर प्रदेश स्टार्टअप पालिसी के अंतर्गत इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स स्थापित किये जायेंगे। यूनिवर्सिटी के इन्क्यूबेशन सेंटर में इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स स्थापित करने का उद्देश्य विवि के सम्बद्ध संस्थानों के छात्र-छात्राओं के स्टार्टअप को मार्केट करना रहेगा| इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के आई टी विभाग द्वारा विवि को अनुदान राशि प्रदान की जा रही है।
उत्तर प्रदेश स्टार्टअप पालिसी के अंतर्गत विवि इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स विकसित करने के लिए 75/25 (प्रतिशत) के अनुपात में अनुदान राशि प्रदान की जाएगी| इसमें उत्तर प्रदेश के आईटी विभाग द्वारा 75 फीसदी धनराशि प्रदान की जाएगी, जबकि 25 फीसदी धनराशि विवि प्रदान करेगा| इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स के विकास हेतु आईटी विभाग द्वारा लगभग 1 करोड़ रुपए की धनराशि विवि को प्रदान की जा रही है। इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स में स्टार्टअप आईडियाज को मार्केट करने का कार्य किया जाएगा| इसके लिए प्रथम चरण में लगभग 100 वर्किंग स्टेशन स्थापित किये जा रहे हैं, जहाँ पर इन्क्युबेटर्स को अपने आईडिया को मार्केट करने के लिए स्थान प्रदान किया जाएगा| इसके साथ ही उन्हें लैब, लाइब्रेरी तथा ई-सोर्स की भी एक्सेस प्रदान की जाएगी| यह वर्किंग स्पेस उन्हें 2 साल के लिए प्रदान किया जाएगा| प्रथम चरण में विवि के स्टार्टअप परिक्रमा एवं इनोवेशन गैलरी में चयनित हुए 60 स्टार्टअप आईडियाज कोमार्केट करने के लिए स्थान प्रदान किया जा रहा है।
टेक्नोलॉजिकल आईडियाज को मार्केट करने के लिए विकसित होंगे

विवि के इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स का विकास टेक्नोलॉजी के क्षेत्र के आईडियाज को स्टेबलिस्ड प्रोडक्ट बनाने के लिए विकसित किया जा रहा है| तकनीकी शिक्षा प्रणाली में प्रोडक्ट बेस्ड लर्निंग का ट्रेंड आम सा होता जा रहा है। ऐसे में छात्र-छात्राओं के द्वारा आईडियाज प्रोड्यूस की जा रहे हैं और उनका प्रोटोटाइप भी विकसित किया जा रहा है| परन्तु प्रोटोटाइप से प्रोडक्ट डेवेलपमेंट और मार्केटिंग तक छात्र-छात्राओं अपने स्टार्टअप को पहुँचाने में मुश्किलों का सामना करना पद रहा था, ऐसे में विवि ने उनकी राह को आसान बनाने के लिए विवि परिसर में उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी विभाग की मदद से इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स विकसित करने की पहल कर रहा है, जहाँ पर आईडियाज को मार्केट करने का कार्य किया जाएगा|
इन्क्युबेटर को मिलेगा स्टाइपेंड

विवि के के इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स में में चयनित होने वाले स्टार्टअप आईडियाज को 2 साल की अवधि या मार्केट में इन्वेस्टमेंट मिलने, जो भी पहले हो तक स्टाइपेंड प्रदान किया जाएगा।
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि छात्र-छात्राओं के आईडियाज को इन्वेस्टमेंट मिल सके इसके लिए विवि प्रतिबद्ध है| विवि ने इसके लिए हाल ही में नोएडा परिसर में स्टार्ट-अप इन्वेस्टर्स समिट का भी आयोजन किया था| इन्क्युबेटर वर्किंग स्टेशन्स का विकास भी इसी क्रम में किया जा रहा है| विवि के इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन के पोटेंशियल को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के आईटी विभाग ने उत्तर प्रदेश स्टार्टअप पालिसी के अंतर्गत अनुदान प्रदान किया है। उन्होंने ने कहा में विवि के छात्र-छात्राओं के साथ अन्य विवि के छात्र-छात्राओं को भी अवसर प्रदान किया जाएगा।
विनय कुमार पांडे को अतिरिक्त कार्यभार

अपर शिक्षा निदेशक(शिक्षा निदेशालय, इलाहाबाद) को जनहित में तात्कालिक प्रभाव से शिक्षा निदेशक माध्यमिक (यूपी) के पद का अतिरिक्त प्रभार अग्रिम आदेशों तक सौंपा गया है।

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