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शराब की दुकानों पर उमड़ी पियक्कड़ों की भीड़, तमाम जगह स्टॉक खत्म, बिक्री से 100 करोड़ के राजस्व का अनुमान

locationलखनऊPublished: May 04, 2020 03:30:12 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

प्रमुख सचिव आबकारी संजय भुसरेड्डी ने बताया कि सोमवार से प्रदेश में करीब 26 हजार शराब की दुकानें खोलने के आदेश दे दिये गए हैं। अनुमान है कि पहले ही दिन सरकार को करीब 100 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।

शराब की दुकानों पर उमड़ी पियक्कड़ों की भीड़, तमाम जगह स्टॉक खत्म, बिक्री से 100 करोड़ के राजस्व का अनुमान

दुकानों के सामने पुलिसकर्मी मौजूद रहे, बावजूद प्रदेश के कई स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई

लखनऊ. लॉकडाउन के तीसरे चरण में कई रियायतें दी गई हैं, जिसमें शराब की दुकानों का खुलना भी शामिल है। लेकिन, हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन में शराब की बिक्री पर पाबंदी है। वहीं, होटल और रेस्टोरेंट के बार में भी शराब पीने और बेचने पर प्रतिबंध जारी है। सोमवार से पूरे प्रदेश में शराब की दुकानें खुल गईं। सुबह से ही ठेकों के सामने शराब के शौकीनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। देखते ही देखते तमाम जगहों पर सारा स्टॉक खत्म हो गया। यहां तक कि रेड जोन वाले जिलों में कई स्थानों पर पियक्कड़ आज कोरोना के खौफ से बेखौफ नजर आ रहे थे। दुकानों के सामने पुलिसकर्मी मौजूद रहे, बावजूद प्रदेश के कई स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आईं। दुकानदार सतर्क थे लेकिन भीड़ के आगे नियमों का पालन कराना मुश्किल हो रहा था। इस बीच लखनऊ के राजाजीपुरम सहित कुछ स्थानों से हंगामे की खबरें आईं। पुलिस ने डंडे फटकाकर लोगों को लाइन में खड़े कराया। वहीं, कई जगह दुकानें बंद होने से लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। इस बीच आबकारी टीम पूरी तरह से मुस्तैद रही और तमाम जगहों पर दुकानों का औचक निरीक्षण किया। आबकारी विभाग का अनुमान है कि पहले दिन की बिक्री से सरकार को करीब 100 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।
कोरोना वायरस के चलते 24 मार्च से उत्तर प्रदेश लॉकडाउन है, प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर जिसका बुरा असर पड़ा है। कोरोना से जंग में सरकार का खजाना लगातार खाली होता जा रहा है, दूसरी तरफ सब कुछ बंद होने के चलते राजस्व घाटा भी बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2020-2021 के पहले महीने (अप्रैल) में वित्त विभाग को वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष महज 1.5 प्रतिशत टारगेट हासिल हुआ है। अब सरकार का फोकस कोरोना से लड़ाई के साथ-साथ राजस्व बढ़ाने पर भी है। इसके लिए जहां सरकार ने लॉकडाउन 3.0 के लिए सशर्त आर्थिक गतिविधियों की छूट दी है। शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति देना भी इसी ओर उठाया गया अहम कदम है। आबकारी विभाग का अनुमान है कि सोमवार की बिक्री से सरकार को 100 करोड़ का राजस्व मिल सकता है। प्रमुख सचिव आबकारी संजय भुसरेड्डी ने बताया कि सोमवार से प्रदेश में करीब 26 हजार शराब की दुकानें खोलने के आदेश दे दिये गए हैं। अनुमान है कि पहले ही दिन सरकार को करीब 100 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।
आबकारी विभाग की गाइड लाइन
प्रमुख सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने कहा कि अगले 3 से 4 दिनों तक सीमित मात्रा में ही शराब लोग खरीद सकेंगे। एक बार में सिर्फ एक बोतल, दो अद्धा (हाफ), ती पव्वा, दो बीयर की बोतल और तीन केन ही खरीदी जा सकती है। बिना मास्क किसी को शराब नहीं मिलेगी। प्रदेश भर में कहीं भी शराब की तय कीमत से अधिक दाम लिए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। सभी लाइसेंस धारकों को निर्धारित मूल्य पर ही शराब बेचनी होगी। इसके लिए आबकारी अधिकारियों को शराब की दुकानों पर औचक निरीक्षण के निर्देश दिये हैं। लॉकडाउन 3.0 के दौरान शराब बिक्री के लिए समय-सीमा निर्धारित की है। इसके तहत आबकारी विभाग की मात्र एकल दुकानों को ही सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक शराब की बिक्री की अनुमति है। गाइडलाइन के मुताबिक, एक दुकान पर एक वक्त में सिर्फ 5 लोग ही शराब खरीद सकते हैं। सभी को सख्ती से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
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ऐसे होती है राज्य की कमाई
राज्य सरकार की कमाई का मुख्य स्रोत हैं- राज्य जीएसटी, भू-राजस्व, पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट या सेल्स टैक्स, शराब पर लगने वाला एक्साइज और गाड़ियों आदि पर लगने वाले कई अन्य टैक्स। इनमें शराब पर लगने वाले एक्साइज टैक्स यानी आबकारी शुल्क का राज्य के राजस्व में अहम योगदान है। चूंकि शराब और पेट्रोल-डीजल को जीएसटी से बाहर रखा गया है, इसलिए इन पर लगा टैक्स सीधा राजस्व में इजाफा करता है। वर्तमान में यूपी में शराब बिकी से करीब 20 फीसदी टैक्स राजस्व में जाता है।
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