गुणवत्ता पर उठते रहे हैं सवाल कोरोना महामारी के चलते शैक्षिक सत्र इस बार देर से खुले हैं। एक सितंबर से प्राइमरी स्कूल खुले लेकिन बच्चों को अभी तक ड्रेस नहीं मिली है। वहीं पहले कई बार यूनिफॉर्म की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ चुके हैं। बेसिक शिक्षा विभाग का कहना है कि अभी तक इन सभी चीजों की केंद्रीकृत खरीद होती थी। इसके बाद मंडल, जनपद और फिर ब्लॉक वार इनका वितरण होता था। बच्चों तक यूनिफॉर्म, जूते-मोजे पहुंचने में देरी होती थी। कई बार मिलने वाली सामग्री की क्वालिटी भी खराब मिलती थी। इस देरी को खत्म करने के लिए विभाग ने सीधे बच्चों के खातों में पैसा भेजने का फैसला लिया है, ताकि वह जल्द यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे खरीद सकें।
हर खाते में ट्रांसफर होंगे 1056 रुपये यूपी सरकार की नई व्यवस्था के तहत हर एक बच्चे को 1056 रुपये मिलेंगे। इसमें 600 रुपए यूनिफॉर्म, 200 रुपए स्वेटर, 135 रुपए जूते, 21 रुपए मोजे और 100 रुपए स्कूल बैग के लिए शामिल हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से यह पैसा बच्चों या उनके परिजनों के खातों में भेजा जाएगा। स्कूल में जो बच्चे पंजीकृत हैं, उनका डेटा बेसिक शिक्षा विभाग की प्रेरणा एप पर अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।