तीन जिलों के बाद चौथे की तरफ बढ़ रही सरकार
प्रदेश में बछड़ों के पैदा होने के बाद पशुपालक ज्यादातर इनकी देखभाल करने की वज़य छोड़ दिया करते थे। ऐसे में प्रदेश में आवारा पशुओं के बढ़ने ग्राफ को कम करने और पशुपालकों की दिलचस्पी बरकरार रखने के लिए एक बड़ी योजना लाई। इसके अंर्तगत अलग से पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान कराया गया। पशुपालन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक जनवरी से नवंबर 2017 के बीच अखिलेश सरकार की योजना को वर्तमान योगी सरकार ने चालू रखा। वर्तमान में इस कृत्रिम गर्भाधान योजना के तहत करीब 97 प्रतिशत गोवंश बछिया पैदा हुए।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखीमपुर खीरी, इटावा, बाराबंकी में 2000 गायों को शामिल किया गया। कृत्रिम गर्भाधान के अंतर्गत अब तक कुल 27 गोवंश पैदा हुए हैं। इसमें से 26 बछिया हुई हैं।ऐसे में इसे एक बड़ी सफलता के रुप में देखा जा रहा है। वहीं अब इस प्रोजेक्ट को बुंदेलखंड में शुरु करने की तैयारी है। क्योंकि बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा बछड़ों को छोड़ने के आकड़ें देखने को मिले हैं।
यूपी में तैयार होगा सीमेन
पशुपालन विभाग के अधिकारी के मुताबिक उच्च गुणवत्ता का सीमेन प्राप्त करने के लिए फिलहाल विदेशी कंपनी पर निर्भर रहना पड़ा रहा है। फिलहाल विभाग ने दो विदेशी कंपनियों से प्रोजेक्ट के लिए उच्च गुणवत्ता का सीमेन देने के लिए एमओयू साइन किया है। वहीं यूपी के हापुड़ जिले में इससे संबंधित एक प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है।
एक गाय पर 955 रु का खर्च, बजट की दरकार
पशुपाल विभाग के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए बजट की दरकार है। फिलहाल कृत्रित गर्भाधान के लिए एक गाय पर 955 रुपये का खर्च आ रहा है। विभाग ने अब तक जर्सी और होल्स्टिन फ्रेसिअन गायों पर ध्यान दे रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में देशी गायों को लेकर भी प्रोजेक्ट में काम होगा।