बता दें कि यूपी की 71 जेलों में 1.1 लाख कैदी फिलहाल बंद है। इससे पहले डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि प्रभावी रूप से 11 हजार बंदियों को छोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। जेलों में कोरोना संक्रमण के चलते सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक रिट याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को स्वतः संज्ञान (Suo Moto cognizance) लिया था और जेलों में भीड़-भाड़ कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सभी राज्यों को एक कमेटी बनाकर 7 साल से कम सजा वाले कैदियों, बंदियों को ज़मानत और पैरोल पर छोड़ने के निर्देश दिए थे। जिससे जिससे जेलों का कोरोना का खतरा न बढ़े।
जानें क्या कहते हैं आंकड़े
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में 11 मई से ही प्रदेश में एक्टिव केस कम है और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होने का क्रम जारी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 2606 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 3581 पेशेंट पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। हालांकि अबतक 165 लोगों की मौत भी हुई है। वहीं 5-5 सैंपलों के पूल और 10-10 सैंपलों के 936 पूल टेस्ट किए गए। जिनमें से 161 पूल पॉजिटीव मिले। अबतक आइसोलेशन में 2711 लोगों को और क्वारंटीन में 10270 लोगों को रखा गया है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में अब तक ट्विटर के 38, फेसबुक के 37, टिकटाॅक के 47 तथा व्हाटसएप के 01 अकाउंट समेत कुल 123 अकाउंट्स को ब्लाॅक किया जा चुका है। अभी तक कुल 40 एफआईआर पंजीकृत कराई गई हैं। विभिन्न जनपदों में 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। वहीं प्रदेश सरकार फेक न्यूज पर कड़ाई से नजर रख रही है। फेक न्यूज के तहत अब तक 1,185 मामलों को संज्ञान में लेते हुए साइबर सेल को सूचित किया गया है।