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योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब बिना अनुबंध नहीं रख सकेंगे किराएदार, जारी किए ये नए नियम

locationलखनऊPublished: Jul 21, 2021 12:06:53 pm

Submitted by:

lokesh verma

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने नगरीय परिसर किराएदारी विनयमन के जारी किए नए नियम।

CM Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोराना वायरस की तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी जिलों में आईसीयू अस्पताल बनाने के निर्देश दिए।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने किराएदारों को रखने के लिए अब नए नियम बना दिए हैं। अब यूपी में बगैर किराया समझौता (Rent Agreement) मकान मालिक किराएदार नहीं रख पाएंगे। इसके लिए नई व्यवस्था के साथ योगी सरकार ने सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। नए नियमों के तहत मकान मालिक (Landlord) को किराएदार (Tenant) रखने से पहले रेंट एग्रीमेंट करना जरूरी होगा। रेंट एग्रीमेंट होते ही उसे रेंट अथॉरिटी में जमा करना होगा। रेंट अथॉरिटी एग्रीमेंट को वेबसाइट पर अपलोड करेगी।
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उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने नगरीय परिसर किराएदारी विनयमन के नए नियम जारी कर दिए हैं। फिलहाल इन नियमों को लेकर 27 जुलाई तक लोगों के सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी आपत्ति या सुझाव प्लानिंग सेक्शन एनेक्सी को प्रेषित कर सकता है। आपत्तियों को दूर करने और सुझावों को शामिल करने के बाद नए नियमों को यूपी कैबिनेट में भेजा जाएगा। इसके बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और इस तरह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।
रेंट अथॉरिटी का गठन

बताया जा रहा है कि इसके लिए आवास विभाग किराया अथॉरिटी का गठन करेगा। जहां रेंट एग्रीमेंट जमा कराया जाएगा। नए नियमानुसार मकान मालिक को रेंट एग्रीमेंट में यह दर्शाना होगा कि वह किराएदार को कितने दिन के लिए रख रहा है। इसके साथ ही मकान मालिक द्वारा किराएदार को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी भी देनी होगी। बताया जा रहा है कि नए नियम के लागू होने के बाद किराएदार मकान मालिक का किराया नहीं रोक सकेगा। अगर किराएदार मकान मालिक का किराया मारने का प्रयास करेगा तो 9 प्रतिशत वार्षिक दर से उसे ब्याज देना होगा।
किराएदारी अपीलीय अथॉरिटी का भी होगा गठन

बता दें कि किराए से संबंधित केसों को निपटाने के लिए किराएदारी अपीलीय अथॉरिटी भी गठित की जाएगी। रेंट एग्रीमेंट पर विवाद को निपटाने के लिए यूपी सरकार हिंदी और अंग्रेजी माध्यम मेंं एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराएगी। जहां इस प्रकार के मामलों को अपलोड कर दिया जाएगा। इसके लिए अपीलकर्ता को बकायदा एक य़ूआईडी दी जाएगी, ताकि उसकी पहचान की जा सके।
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