उप्र सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी नीति तय कर दी है। नए नियम के तहत अब कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो शराब दुकानें ही रख सकेगा। यानी किसी भी आवेदक को एक जिले में देशी शराब, विदेशी शराब, बीयर और मॉडल शॉप को मिलाकर दो से अधिक दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी। सरकार का मानना है कि इससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश में शराब सिंडीकेट को तोडऩे में मदद मिलेगी। अभी तक पांच से छह सिंडीकेट मिलकर पूरे प्रदेश की शराब दुकानें हथिया लेते रहे हैं। इसी के साथ सरकार ने क्लबों को बार लाइसेंस देने की फीस उनके सदस्यों की संख्या के आधार पर तय करने का फैसला लिया है। इससे क्लबों पर अधिक शराब बिक्री का दबाव कम होगा। जबकि, होटलों के बार लाइसेंस फीस कमरों के आधार पर करते हुए तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। हालांकि, इस बार शराब दुकानों के लाइसेंस शुल्क में 10 से 20 प्रतिशत तक का इजाफा कर दिया गया है। लाइसेंस फीस में दस से बीस फीसद बढ़ोतरी बावजूद इसके सरकार का मानना है कि वित्त वर्ष 2018-19 के 23,000 करोड़ के मुकाबले 31,600 करोड़ का आबकारी राजस्व आसानी से हासिल हो जाएगा।
देशी शराब दुकान-10 फीसद
विदेशी शराब दुकान- 20 फीसद
बियर दुकान- 15 फीसद दुकानों का आवंटन पूरी तरह से ऑनलाइन
आबकारी विभाग में पारदर्शिता लाने और दुकानों के आवंटन में धांधली को रोकने के लिए 2020-21 की नई आबकारी नीति में यह व्यवस्था की गयी है कि अब सभी टेंडर सिस्टम ऑनलाइन ही होगा। यानी पूरे प्रदेश में शराब की दुकानों का नवीनीकरण ऑनलाइन ही होगा। ऑफलाइन प्रक्रिया पूरी तरह से खत्म कर दी गयी है। पूरे प्रदेश में एक साथ एक ही दिन ऑनलाइन तरीके से शराब दुकानों का आवंटन हो जाएगा। इसी तरह ब्रांड और लेबल अप्रूवल सिर्फ सिंगल स्टेज पर ही होगा। इसके साथ ही ट्रेड मार्क रजिस्ट्रेशन जरूरी कर दिया गया है। माइक्रो ब्रेवरी में एक्साइज ड्यूटी कम कर दी गयी है। इसी के साथ एक और सहूलियत यह दी गयी है कि अब बीयर शॉप पर वाइन भी बिकेगी। दुकानदारों को सहूलियत देते हुए 90 दिन में बैंक गारंटी वापस करने की सुविधा दी गयी है।