ग्रेड पे बढ़ाये जाने की मांग को लेकर कर रहे थे प्रदर्शन
बता दें कि लेखपाल अपना ग्रेड पे बढ़ाये जाने की मांग सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश भर के 3 जुलाई से हड़ताल पर हैं। सरकार ने लेखपालों की मांग को एस्मा के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। हड़ताली लेखपालों से मुख्य सचिव की 4 जुलाई को हुई वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद से ही लेखपालों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई जारी है। लेखपालों की हड़ताल जारी रहने से जहां आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र बनवाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं राजस्व प्रशासन के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। इस समय शिक्षण संस्थानों में दाखिलों का दौर चल रहा है। प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को आय, जाति और निवास प्रमाणपत्रों की जरूरत होती है। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की खातिर आवेदन करने के लिए भी इन प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती है।
8000 लेखपालोें को नोटिस
वहीं प्रदेश सरकार ने राजस्व लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। प्रदेश में अब तक 8000 लेखपालों के खिलाफ निलंबन या सेवा समाप्ति की नोटिस देने की कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई मथुरा में सबसे कड़ी की गई है। 2 लेखपालों को गिरफ्तार करने के साथ 12 के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। सरकार की कड़ी सख्ति के बावजूद स्कूल 25557 लेखपालों में से 2413 लेखपाल में से महज 2413 लेखपाल ही सेवा पर लौटे हैं और 653 ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
क्या है एस्मा
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्मा लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा का नियम अधिकतम ६ माह के लिए लगाया जा सकता है। एस्मा लागू होने के उपरान्त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दण्डनीय है। क्रिमिनल प्रोसीजर १८९८ (५ ऑफ १८९८) के अन्तर्गत एस्मा लागू होने के उपरान्त इस आदेश से सम्बन्धि किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफतार किया जा सकता है।