बता दें कि दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मरीजों का आंकड़ा 100 तक पहुंच चुका है, जिसके बाद डब्ल्यूएचओ की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है। डॉ. विकाशेंदु अग्रवाल ने बताया कि यूपी में भी गाइडलाइन जारी की जाएगी। वहीं, सूत्रों की मानें तो राज्य के हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सैंपल कलेक्ट करने की व्यवस्था की जा रही है। सैंपल कलेक्ट करने के बाद उन्हें एनआईवी पुणे भेजा जाएगा। जहां भी मंकीपॉक्स के मरीज मिलेंगे, उनकी सतत निगरानी की जाएगी। वहीं यदि पीड़ित उन देशों से आए हैं, जहां मंकीपॉक्स फैला है तो उन्हें अलग वार्ड में भर्ती किया जाएगा।
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यूपी में खुलेगी मच्छरों पर शोध के लिए लैब, अमेरिकी संस्था करेगी रिसर्च मरीज के संपर्क में आने वालों की भी होगी जांच इसके साथ ही मंकीपॉक्स फैलने वाले देश से आने वाले मरीज के संपर्क में आने वालों में लक्षण मिलने पर ट्रेसिंग के साथ उनकी भी जांच की जाएगी। उत्तर प्रदेश में जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक मंकीपॉक्स के मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग से व्यवस्था की जा रही है। इस संबंध में आशा कार्यकर्ता और एएनएम को जागरूक किया जाएगा।
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मौसम विभाग का इन जिलों में 28 मई तक भारी बारिश का अलर्ट, जानें जिलों के नाम मंकीपॉक्स के लक्षण जानकारों की मानें तो मंकीपॉक्स संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत 5 से 21 दिन में हो सकती है। मरीज में बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और एनर्जी की कमी के साथ लिम्फ नोड्स की सूजन जैसे लक्षण होते हैं। पहले यह स्मॉल पॉक्स जैसे दिखते हैं। इसके साथ ही त्वचा का फटने के साथ 3 दिन में बुखार शुरू हो जाता है। मंकीपॉक्स के दाने चेहरे और हाथ-पांव पर अधिक होते हैं। ये चेहरे और हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को प्रभावित करते हैं।