ये भी पढ़ें- कौन है अमिताभ ठाकुर जिन्हें किया गया जबरन रिटायर, मुलायम सिंह यादव से क्या था विवाद, जानें सब कुछ दिसंबर, 2019 को लिखा था पत्र- दिसंबर, 2019 को अमिताभ ठाकुर ने यह पत्र सरकार को लिखा था। उसमें उन्होंने लिखा था कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि उनके कथित रूप से असुविधाजनक तथा अप्रिय होने, ‘मुकदमेबाज’ होने, आपराधिक वाद दायर करने अथवा प्रशासनिक कार्रवाई करने की मांग करने के कारण उन्हें अत्यंत उच्चस्तरीय दवाब में अनिवार्य सेवानिवृति देकर नौकरी से अलग करने के उच्चस्तरीय मौखिक निर्देश हुए हैं, जिसका शीघ्र क्रियान्वयन होगा।
ये भी पढ़ें- चर्चित आईपीएस अमिताभ ठाकुर को सरकार ने किया जबरन रिटायर, जवाब में कहा यह कार्यवाही को बताया गलत- अमिताभ ठाकुर ने अपने खिलाफ होने वाली इस कार्यवाही को घोर अन्यायपरक और मनमाना बताया है। उन्होंने लिखा कि इसका उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था में अवांछित कर्मी को अलग करना नहीं बल्कि इस प्रावधान का गलत प्रयोग करते हुए व्यवस्था में ताकतवर स्थानों पर बैठे तमाम व्यक्तियों के लिए असुविधाजनक तथा अप्रिय व्यक्ति को व्यवस्था से अलग करना होगा, जो अनुचित उद्देश्य से संचालित होगा। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि जो भी विभागीय कार्यवाहियां शुरू की गई है, उनमें खोज-खोज कर आरोप लगाए गए हैं। कुछ आरोप तो प्राथमिक स्तर पर ही असत्य हैं। ठाकुर ने खुद पर फर्जी ढंग से विभागीय कार्रवाई शुरू करने और उन्हें लम्बे समय तक जानबूझ कर लंबित रखे जाने की बात भी कही थी।
अमिताभ ने कहा था कि वे किसी भी प्रकार से सेवा के लिए अवांछित कर्मी नहीं हैं, बल्कि यह संभव है कि वे व्यवस्था में बैठे ताकतवर लोगों के लिए असुविधाजनक तथा अप्रिय हों।