scriptपुष्पेन्द्र ही नहीं, फर्जी एनकाउंटर में यूपी टॉप पर | UP is in top for fake encounters, opposition attack on BJP government | Patrika News

पुष्पेन्द्र ही नहीं, फर्जी एनकाउंटर में यूपी टॉप पर

locationलखनऊPublished: Oct 10, 2019 01:20:21 pm

Submitted by:

Anil Ankur

प्रियंका, अखिलेश और मायावती ने सरकार को घेरातीन दशक पहले भाजपा सरकार में पीलीभीत में एक दर्जन लोगों का हुआ था फर्जी एनकाउंटर

In the police encounter a notorious criminal heap:पुलिस एनकाउंटर में कुख्यात अपराधी ढेर

In the police encounter a notorious criminal heap:पुलिस एनकाउंटर में कुख्यात अपराधी ढेर

अनिल के. अंकुर

लखनऊ। यूपी पुलिस फर्जी एनकाउंटर करने में टॉप पर है। मानवाधिकार की रिपोर्ट के मुताबिक वहां जितनी शिकायतें आई हैं, उसमें सबसे ज्यादा यूपी की है। बीते एक साल में भी यूपी टाप पर है। हरियाणा नम्बर दो पर। फिलहाल झांसी में पुष्पेन्द्र यादव की मौत को लेकर यूपी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। कांग्रेस की प्रियंका गांधी, सपा के अखिलेश यादव और बसपा की मायावती भाजपा सरकार पर हमले पर हमला कर रहे हैं। विपक्ष का आक्रमक रुख को देखते हुए सरकार डिफेंसिव हो गई है और झांसी में पुष्पेन्द्र यादव के कथित एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच करानी शुरू कर दी है।
क्या है विपक्ष का आरोप

कांग्रेस की प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती के तीखे तेवर के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पीडि़त परिवार के घर पहुंचे। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि पुलिस निर्दोष लोगों की जानबूझकर एनकाउंटर के नाम पर हत्या कर रही है। झांसी में 28 वर्षीय एक युवक की पुलिस की गोली से रविवार को मौत हो गई थी. पुलिस का दावा है कि युवक ने पहले एक अधिकारी पर गोली चलाई जिसके बाद पुलिस वालों से उसकी मुठभेड़ हुई और युवक की मौत हो गई। जबकि परिवार वालों का आरोप है कि रिश्वत देने से मना करने पर उसे मार दिया गया। पुलिस का दावा है कि पुष्पेंद्र यादव बालू खनन का कारोबार करता था।
यूपी में करीब चार हजार एनकाउंटर, 73 अपराधी ढेर

मुख्यमंत्री का अपराध कम करने का फार्मूला अधिकारियों ने जिस तहर अपनाया है, उससे सरकार की किरकिरी जरूर हो रही है। बीजेपी सरकार इसे जहां अपनी उपलब्धि बताती है वहीं कई बार एनकाउंटर्स के फर्जी होने के आरोप लगे हैं। लखनऊ में विख्यात एप्पल कम्पनी के मेनेजर विवेक तिवारी की हत्या भी पुलिस ने की थी। उसे भी पहले एनकाउंटर बताया जा रहा था। अध्ययन के मुताबिक यूपी में हाल में हुए कई एनकाउंटर फर्जी पाए भी गए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी हुई। विवेक तिवारी के मामले को ही देखें तो उसको गोली मारने वाला सिपाही अभी जेल में है। योगी की ढाई साल की सरकार में चार हजार के करीब एनकाउंटर होने की बात की जा रही है। इनमें 73 बदमाशों को पुलिस ने मार गिराया है।

फर्जी एनकाउंटर में यूपी सबसे आगे

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुसार फर्जी एनकाउंटर की शिकायतों के मामलों में उत्तर प्रदेश पुलिस देश में सबसे आगे है। आयोग ने पिछले बारह साल का एक आंकड़ा जारी किया था, जिसमें देश भर से फर्जी एनकाउंटर की कुल 1241 शिकायतें आयोग के पास पहुंची थीं जिनमें 455 मामले यूपी पुलिस के खिलाफ थे। एक साल पहले नोएडा में एक जिम संचालक को पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर ने आपसी रंज़िश में गोली मार दी थी और बाद में उसे एनकाउंटर दिखा दिया गया था।
फर्जी एनकाउंटर करने का यूपी पुलिस का पुराना रिकार्ड

फर्जी एनकाउंटर को लेकर यूपी पुलिस का बहुत पुराना रिकॉर्ड है। वर्ष 1991 में पीलीभीत में हुए 12 लोगों के फर्जी एनकाउंटर के मामले में हाईकोर्ट ने 47 पुलिसकर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। आरोप था कि पीलीभीत में पटना साहिब और दूसरे तीर्थ स्थल से लौट रहे यात्रियों के एक जत्थे को रोककर पुलिस बारह लोगों को अपने साथ ले गई थी। उसके बाद सभी को अलग-अलग एनकाउंटर में मार गिराया था।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक होमगार्ड सूर्य कुमार शुक्ला कहते हैं कि एनकाउंटर की संख्या बढ़ाकर अपराध कम नहीं किए जा सकते। अपराधियों में इससे खौफ जरूर पैदा किया जा सकता है। फर्जी एनकाउंटर एक गंभीर मसला है। यूपी में जिस तरह से पिछले कुछ समय से एनकाउंटर की खबरें आ रही हैं, उनमें कई ऐसे हैं जो सही नहीं ठहराए जा सकते।
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