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फर्जी एनकाउंटर में यूपी दूसरे नंबर पर, 39 मामले संदिग्ध

locationलखनऊPublished: Jun 15, 2019 02:05:52 pm

– उप्र में 4 मामलों में 30 लाख मुआवजा देने का निर्देश- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोगा ने माना देश भर में कुल 211 फर्जी मुठभेड़ के मामले दर्ज- एनएचआरसी ने इस तरह के मामलों मेंं 1.765 करोड़ का मुआवजा देने का दिया निर्देश

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फर्जी एनकाउंटर के मामले में यूपी दूसरे नंबर पर, सामने आये चौंका देने वाले आंकड़े

पत्रिका इन्डेप्थ स्टोरी
लखनऊ. फर्जी एनकाउंटर्स के मामले में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। वहीं आंध्र प्रदेश पहले और ओडिशा में तीसरे नंबर पर है। यह खुलासा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़े से हुआ हैं। एनकाउंटर्स के यह आंकड़े जनवरी 2015 से मार्च 2019 के बीच के हैं। इस दौरान देश भर से कुल 211 फर्जी मुठभेड़ के मामले दर्ज हुए। इनमें यूपी में 39 फर्जी एनकाउंटर हुए। जबकि, सबसे ज्यादा 57 फर्जी मुठभेड़ आंध्र प्रदेश में हुई। इसी तरह ओडिशा में 22, झारखंड में 13 और छत्तीसगढ़ में 10 फर्जी एनकाउंटर के मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़े राष्ट्रीय मानवाधिकर ने आरटीआई कार्यकर्ता नरेश पारस के जवाब में जारी किए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता पारस के मुताबिक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बताया है कि 211 मामलों में अब भी 99 मामले लंबित हैं। 25 मामलों में आयोग ने पीडि़तों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। जबकि पिछले चार साल में जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल से सिर्फ 1-1 फर्जी एनकाउंटर के मामले में मानवाधिकार आयोग पहुंचे। इन मामलों मेंं एनएचआरसी की पहल पर कुल 1.765 करोड़ का मुआवजा बांटा जा चुका है। इनमें मणिपुर में कथित मुठभेड़ के 13 मामलों में आयोग 85 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दे चुका है। इसी तरह से यूपी के चार मामलों में 30 लाख और ओडिशा के दो मामलों में 21 लाख मुआवजे का निर्देश दिया गया है। छत्तीसगढ़ में दो मामलों में 20 लाख, पश्चिम बंगाल में एक मामले में 5.5 लाख और बिहार, मेघालय और हरियाणा में एक-एक फर्जी मुठभेड़ के मामले में 5 लाख रुपए मुआवजे का निर्देश है।


यूपी में 3000 एनकाउंटर का दावा
उत्तर प्रदेश में मार्च 2017 से जुलाई 2018 के दौरान उप्र पुलिस ने तीन हजार से ज्यादा एनकाउंटर किए। इनमें 6 दर्जन अपराधियों को मारने का दावा किया गया। उप्र में 1200 एनकाउंटर में 40 ख़तरनाक अपराधी मारे गए। 2017 में यूपी पुलिस ने बताया था कि छह महीनों में 420 एनकाउंटर हुए थे। जिसमें 15 लोग मारे गए। इसी तरह 2018 तक यूपी पुलिस ने 1,038 एनकाउंटर किए जिसमें 32 लोग मारे गए। उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर में मारे गए 14 लोगों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने झूठी कहानी बताकर नियोजित तरीके से हत्या की।


संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने भी जतायी थी चिंता
पिछले साल संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने भारत सरकार को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा न्यायिक हिरासत में हत्याओं के 15 मामलों की जानकारी के साथ पत्र लिखा था। इसमें संभावित 59 फर्जी एनकाउंटर मामलों का जिक्र था। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने इसे बेहद चिंता का विषय बताया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के लिए उच्चायुक्त का कार्यालय (ओएचसीएसआर) के अधिकारियों ने जिन मामलों को लेकर भारत सरकार को पत्र लिखा उनमें पीडि़त एक खास समुदाय से ताल्लुक रखते थे। ओएचसीएसआर का कहना था कि सबूतों के और मामलों के स्वरूप के अनुसार, ये सभी मामले हिरासत में हत्या का मालूम पड़ते हैं।


मानवाधिकार आयोग में कैसे शिकायत दर्ज करवाएं
मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराने के लिए आयोग को फैक्स और टेलीग्राम भेजा जा सकता है। डाक से भी शिकायतें स्वीकार की जाती हैं। देश का कोई भी नागरिक आयोग के चेयरमैन को सम्बोधित करते हुए एप्लीकेशन दे सकता है। यदि पुलिस एफआईआर दर्ज करने से मना करती है या देरी करती है, तब उस सूरत में मानवाधिकार आयोग को शिकायत दर्ज करवायी जा सकती है।

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