लखनऊ

एमएसएमई से रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश का पांचवा राज्य, पहले स्थान पर महाराष्ट्र

– आरबीआई की रिपोर्ट में खुलासा, रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश का पांचवा राज्य
– महाराष्ट्र में मिला सबसे ज्यादा रोजगार
– रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य यूपी से पीछे
– गेम चेंजर साबित हुई योगी सरकार की एक जनपद एक उत्पाद योजना

लखनऊNov 04, 2020 / 01:50 pm

Karishma Lalwani

एमएसएमई से रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश का पांचवा राज्य, पहले स्थान पर महाराष्ट्र

लखनऊ. सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्दम (MSME) से रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश ने पांचवे स्थान पर जगह बनाई है। यह खुलासा हुआ है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की रिपोर्ट में। आरबीआई ने देश के सभी राज्यों का आकलन कर एमएसएमई सेक्टर में रोजगार देने को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के आधार पर लॉकडाउन में लाखों मजदूरों को रोजगार देने के मामले में महाराष्ट्र पहले पायदान पर है। दूसरे स्थान पर तमिलनाड है। इसके बाद गुजरात और मध्यप्रदेश है।
कर्नाटक, दिल्ली, पंजाब को छोड़ा पीछे

एमएसएमई के जरिये रोजगार सृजन के मामले में राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य यूपी से पीछे है। आरबीआई ने कोरोना के संकट काल में योगी सरकार द्वारा रोजगार सृजन के आंकड़ों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में दूसरे राज्यों में फंसे 40 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का बड़ा फैसला लेने के साथ ही योगी सरकार ने 20 लाख से ज्यादा मजदूरों की स्किल मैपिंग करा कर उन्हें सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के जरिये अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार से जोड़ा है।
गेम चेंजर साबित हुई एक जनपद एक उत्पाद योजना

प्रदेश में एमएसएमई की 90 लाख इकाइयां हैं। लॉकडाउन के दौर में 20 लाख मजदूरों की स्किल मैपिंग करा कर उन्हें रोजगार देना एक बड़ी चुनौती साबित हुई। इसमें योगी सरकार की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना (ओडीओपी) गेम चेंजर साबित हुई है। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डा. नवनीत सहगल ने कहा कि योगी सरकार की मंशा है कि सभी गरीबों को रोजगार मिले। इस उपलब्धि में ओडीओपी ने बड़ी भूमिका निभाई है। एमएसएमई के अंतर्गत शुरू किए गए ओडीओपी के जरिये राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के साथ ही व्यापार से जोड़ा। ओडीओपी के तहत हर जिले के एक उत्पाद को ब्रांड बना कर उसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्राडिंग की गई। इससे बड़े जिलों के साथ ही छोटे जिलों को भी फायदा मिला।
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