केंद्रीय मंत्री सिद्धार्ध नाथ सिंह ने शायद कुछ ज्यादा ही जल्दवाजी कर दी। सात महीने पहले ही उन्होंने गुरु नानक जयंती की बधाई ट्विटर पर यूजर्स को दे डाली, जिसके चलते यूजर्स ने उन्हें ट्रोल किया। हालांकि, बाद में अपनी गलती का एहसास होने पर उन्होंने तुरंत उस ट्विट के लिए उन्होंने माफी मांगी।
इन्होंने ने भी की ये गलती गुरूनानक जयंती की गलत तारीख पर बधाई देने वाले सिद्धार्थ नाथ सिंह अकेले नहीं है। इस लापरवाही में उनका साथ दिया है डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, लखनऊ से बीजेपी सांसद आशुतोष टंडन और बृजेश पाठक ने। हालांकि, बाद में इन सबने अपनी ट्विट डिलीट भी कर दी। सभी ने एक-एक कर गुरु नानक जयंती की बधाई दी। लेकिन बाद में गलती का अंदाजा लगने पर यूजर्स से मांफी मांग ट्विट डिलीट कर दी।
यूपी सरकार ने जारी किया था कैलेंडर इस गलती में खास बात ये है कि यूपी सरकार द्वारा जारी किए कैलेंडर के अनुसार गुरु नानक जयंती 23 नवंबर, 2018 को पड़ रही है। अपनी ही सरकार द्वारा जारी किए कैलेंडर के बावजूद भाजपा सरकार धोखा खा गयी। अपनी भूल को लेकर सुधार करते हुए केशव प्रसाद मौर्या ने बताया कि विकिपीडिया पर गुरु नानक जयंती 15 अप्रैल दिखा रही थी। इसके चलते उनसे ये भूल हुई और ट्विटर पर गलत जानकारी के साथ उन्होंने सिखों के इस त्योहार की सबको ढेरों बधाई दी।