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Corona से लड़ने के लिये यूपी में विधायकों की विकास निधि रुक सकती है,जाने कैसे

locationलखनऊPublished: Apr 07, 2020 05:21:11 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

प्रदेश के सभी विधायक का वेतन 30% कम करने के अध्यादेश ला सकती है।

Corona से लड़ने के लिये यूपी में विधायकों की विकास निधि रुक सकती है,जाने कैसे 

Corona से लड़ने के लिये यूपी में विधायकों की विकास निधि रुक सकती है,जाने कैसे 

लखनऊ। यूपी में Assembly व Legislative Assembly के सभी प्रतिनिधियों के वेतन से न सिर्फ 30% की कटौती होगी बल्कि विधायकों को स्वविवेक से खर्च करने वाली विकास निधि भी दो वर्ष के लिये स्थगित हो जायेगी। नापसंद करने वाले यूपी के Chief Minister Yogi Adityanath के पास मौका भी अच्छा है। सूत्रों के अनुसार तबलीगी जमात के कारण कोरोना संक्रमण से जूझ रही यूपी सरकार शीघ्र ही central government की भांति प्रदेश के सभी विधायक का वेतन 30% कम करने के अध्यादेश ला सकती है।
बताते हैं कि Prime Minister Narendra Modi ने केंद्र में सांसदों के वेतन का 30% काटने का अध्यादेश लाया है। Chief Minister ने central government के इस फैसले का स्वागत किया है। केंद्र के फैसले की कॉपी मिलने के बाद इस पर UP Government भी निर्णय करेंगी।इसके पहले Chief Minister Yogi Adityanath ने सभी विधायकों की विधायक निधि एक साल के लिये सस्पेंड कर दिया है। यूपी में इसी बजट सत्र 2020-21 में प्रदेश के विधानसभा में सर्वमत से प्रस्ताव पारित हुआ था कि विधायक निधि ढाई करोड़ से तीन करोड़ किया जाय। तीन करोड़ कौन कहे उनको जो ढाई करोड़ मिल रहा था। यदि कहीं यह दो वर्ष के लिये स्थगित कर दिया गया तो विधानसभा सदस्यों की मुसीबत बढ़ जायेगी।
विधानसभा सदस्यों ने अपने 5 वर्षीय कार्यकाल का तीन वर्ष पूरा कर लिया, कोरोना से निपटने के लिये अधिकांश ने अपनी निधि का एक करोड़ रुपया और एक माह का वेतन Chief Minister कोष में दे दिया है। जानकार बताते हैं कि ऐसे में यदि निधि बंद हुई तो विधायक निधि की राजनीति और कथित भ्रष्टाचार दोनों समाप्त हो जाएगा। साथ ही विधायकों के दिखावा वाले रुतबे में कमी आ जायेगी। इसका कटौती से पैसा आयेगा उसे Kovid 19 की महामारी से बचाव के लिए उपयोग किया जायेगा। मोदी सरकार ने आ सुबह सभी सांसदों की 30% सैलरी कम करने के अध्यादेश को मंजूरी दिया हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल अपनी स्वेच्छा से अपनी सैलरी का 30% भुगतान लेंगे। हालांकि गुजरात की रहने वाली यूपी की राज्यपाल ने सोमवार को ही पत्र लिख कर भेज दिया था कि वह एक साल तक अपने वेतन का 30% कम वेतन लेंगी। यूपी के विपक्षी दलों ने भी अभी तक कोई आपत्ति नहीं किया है।
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