विधानसभा सदस्यों ने अपने 5 वर्षीय कार्यकाल का तीन वर्ष पूरा कर लिया, कोरोना से निपटने के लिये अधिकांश ने अपनी निधि का एक करोड़ रुपया और एक माह का वेतन Chief Minister कोष में दे दिया है। जानकार बताते हैं कि ऐसे में यदि निधि बंद हुई तो विधायक निधि की राजनीति और कथित भ्रष्टाचार दोनों समाप्त हो जाएगा। साथ ही विधायकों के दिखावा वाले रुतबे में कमी आ जायेगी। इसका कटौती से पैसा आयेगा उसे Kovid 19 की महामारी से बचाव के लिए उपयोग किया जायेगा। मोदी सरकार ने आ सुबह सभी सांसदों की 30% सैलरी कम करने के अध्यादेश को मंजूरी दिया हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल अपनी स्वेच्छा से अपनी सैलरी का 30% भुगतान लेंगे। हालांकि गुजरात की रहने वाली यूपी की राज्यपाल ने सोमवार को ही पत्र लिख कर भेज दिया था कि वह एक साल तक अपने वेतन का 30% कम वेतन लेंगी। यूपी के विपक्षी दलों ने भी अभी तक कोई आपत्ति नहीं किया है।