राज्य निर्वाचन कमिश्नर ने बताया कि वोटिंग सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगी। आदर्श आचार संहिता आज से होगी लागू हो गई है। वोटों की गिनती एक दिसंबर को होगी। कुल 3.32 करोड़ मतदाता इस बार निकाय चुनाव में मतदान करेंगे। चुनावों के लिए 36289 बूथ और 11,389 पोलिंग सेंटर बनाए गए हैं। 32 दिनों में नकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। एसके अग्रवाल ने बताया कि निकाय चुनाव की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव को लेकर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ भी कई दौर की बैठक हो चुकी है। को-ऑर्डिनेशन में भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
पहले चरण के मतदान में कुल 25 जिले राज्य निर्वाचन आयुक्त एस के अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में बताया कि 22 नवंबर को पहले चरण के मतदान के तहत कुल 25 जिलों के 5 नगर निगम, 71 नगर पालिका और 154 नगर पंचायत में मतदान होंगे। दूसरे चरण के तहत 25 जिलों के 6 नगर निगम, 51 नगर पालिका और 132 नगर पंचायत के मतदान होंगे। वहीं तीसरे चरण के तहत 26 जिलों के 5 नगर निगमों, 76 नगर पालिका और 152 नगर पंचायत में चुनाव होंगे।
प्रत्याशियों की खर्च सीमा में बढ़ोतरी राज्य निर्वाचन आयोग के कमिश्नर एसके अग्रवाल मुताबिक लखनऊ और कानपुर में 12.5 लाख से बढ़ाकर खर्च की सीमा 25 और बाकी नगर निगमों में 20 लाख रुपए कर दी गई है। वहीं पार्षद के लिए खर्च की सीमा बढाकर एक लाख से 2 लाख रुपए कर दी गई है। 41 से अधिक वार्ड वाली नगर पालिका में चेयरमैन 4 लाख के बजाय 8 लाख रुपए खर्च कर सकेगा। 40 वार्ड तक यह सीमा छह लाख रुपए होगी। वार्ड सदस्य के लिए सीमा 40 हजार से बढ़ाकर 1.5 लाख कर दी गई है।
अति संवेदनशील बूथ की वेब कास्टिंग एसके अग्रवाल ने बताया कि चुनावों के दौरान अति संवेदशील बूथों की वेब कास्टिंग की जाएगी। चुनाव राज्य पुलिस से ही कराया जाएगा। केंद्रीय बल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
प्रमोशन और तबदलों पर तत्काल प्रभाव से रोक राज्य निर्वाचन आयुक्त एस के अग्रवाल के मुताबिक अधिसूचना जारी होने के साथ ही अब राजस्व, पुलिस और नगर विकास में ट्रांसफर, नियुक्ति और प्रमोशन पर चुनाव भर रोक रहेगी। चुनाव डयूटी में लगे कर्मचारियों का तबादला नहीं हो सकेगा। साथ ही चुनाव पूरा होने तक डीएम और एसएसपी के बिना आयोग की अनुमति के जिला नहीं छोड़ेंगे। ट्रेनिंग की भी छूट नहीं मिलेगी।
आयोग में कुल 18 पार्टियां हैं रजिस्टर्ड यूपी नगरीय निकाय चुनावों में उतरने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग में कुल 18 रजिस्टर्ड पार्टी हैं, जिनमें इस बार आम आदमी पार्टी , सपा और बसपा ने भी अपने सिम्बल पर चुनाव लडऩे का निणर्य लिया है। मालूम हो कि इससे पहले सपा, बसपा अपने सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ते थे, बल्कि उनके समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोकते थे।
इस बार 25.97 लाख युवा वोटर बढ़े पिछले चुनाव की तुलना में इस बार युवा मतदाताओं की संख्या में 25.97 लाख की बढ़ोतरी हुई है। मालूम हो कि उत्तर प्र्रदेश के 653 नगर निकायों (16 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायत) में पिछले चुनावों की तुलना में इस बार तकरीबन 25.97 लाख युवा वोटर बढ़े हैं। खास बात यह है कि कुल मतदाताओं में 18 वर्ष से 35 वर्ष तक के युवा मतदाताओं की अकेले हिस्सेदारी 43.72 प्रतिशत है। वहीं, 60 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या घटी है। आंकड़ों के मुताबिक 2012 में ऐसे मतदाताओं की हिस्सेदारी 14.05 फीसदी थी, जो इस बार घटकर 11.17 प्रतिशत रह गई है। मालूम हो कि इस बार के नगर निकाय चुनाव में 3,32,48,032 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंग। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 17,781,568 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 15,46,66,464 है। इसके अलावा 35 वर्ष तक के 1,45,37,548 मतदाता चुनाव में हिस्सा लेंगे, जबकि 35 से 60 तक के 1,49,97,541 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वहीं, 60 वर्ष से ज्यादा के 37,12,943 मतदाता हिस्सा लेंगे।