याची ने राज्य सरकार के 17 मार्च 2021 के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी है। याची का कहना था कि 6 नवंबर 2020 के आदेश के सम्बंध में राज्य सरकार को साफ करना चाहिए कि 17 मार्च 2021 का आदेश जारी करने से पहले 6 नवंबर के आदेश पर गौर किया गया या नहीं। उधर, याचिका का विरोध करते हुए सरकारी वकील का कहना था कि पंचायत चुनाव में परिसीमन का मुद्दा एक अन्य जनहित याचिका में 15 मार्च 2021 को कोर्ट ने निर्णीत कर दिया था। सरकार ने इसका पालन करते हुए 17 मार्च को सीटों के आरक्षण का आदेश प्रदेश भर के लिए जारी कर दिया, जिसके तहत 26 मार्च को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हुई और चुनाव प्रक्रिया जारी है। ऐसे में सिर्फ चार जिलों को लेकर दायर इस याचिका में किसी दखल से न सिर्फ चुनाव प्रक्रिया में बाधा पड़ेगी बल्कि देरी भी होगी।
सरकारी वकील ने मांगा था दो दिन का वक्त
सरकारी वकील ने राज्य सरकार से इसकी बाबत दो दिन का समय निर्देश (जानकारी) दिए जाने की गुजारिश की थी। कोर्ट ने सरकारी वकील को यह वक्त देते हुए मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को नियत की है।