राज्य निर्वाचन आयोग ने महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में इस बार मतदान करने वाली पोलिंग पार्टियों में महिला कर्मचारियों का होना जरूरी नहीं होगा।
यूपी पंचायत चुनाव: महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत, पोलिंग पार्टी में अनिवार्यता खत्म
लखनऊ. राज्य निर्वाचन आयोग ने महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में इस बार मतदान करने वाली पोलिंग पार्टियों में महिला कर्मचारियों का होना जरूरी नहीं होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पोलिंग पार्टी में महिला कर्मचारियों की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। दरअसल, कर्मचारियों की संख्या सीमित होने के कारण यह फैसला लिया गया है। अपर राज्य निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा के अनुसार, इस बार चार चरणों में मतदान होंगे। ऐसे में एक जिले में एक बार में मतदान संपूर्ण कराया जाएगा। लिहाजा कर्मचारियों की सीमित संख्या होने के कारण महिला कर्मचारियों की मतदान केंद्रों पर लगाई जाने वाली ड्यूटी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।
विकल्प के तौर पर रखी जाएंगी महिला कर्मी पोलिंग बूथ पर महिला कर्मी विकल्प के तौर पर रखी जा सकती हैं। वेद प्रकाश वर्मा ने कहा कि पोलिंग बूथ पर मतदान करने आने वाली महिला अपनी पहचान किसी पुरुष को नहीं बताती है, तो उस समय तत्काल ड्यूटी पर मौजूद महिला पुलिसकर्मी या महिला होमगार्ड को ड्यूटी पर लगाया जाएगा। वह मतदान करने आई उस महिला की पहचान करा कर उसका मतदान पूर्ण कराएंगी।
वोटरों को मिलेंगे एक साथ चार बैलट पेपर वोटरों को एक साथ चार बैलट पेपर मिलेंगे। मतदाताओं को किसी प्रकार के भ्रम से बचाने के लिए अलग-अलग पद के लिए बैलट पेपर अलग-अलग रंग के दिए जाएंगे। इसमें ग्राम प्रधान का बैलट पेपर हरे रंग का होगा। इसी तरह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव गुलाबी रंग के बैलट पेपर से होगा। क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) का मतपत्र बैगनी होगा। ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव सफेद बैलेट पेपर से होगा।