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यूपी पंचायत चुनाव: भाजपा ने जीत के लिए चला दांव, तो सपा-बसपा और कांग्रेस गणित बिगाड़ने को तैयार, आप भी दो कदम आगे

locationलखनऊPublished: Apr 08, 2021 09:03:26 am

– UP Panchayat Election: पंचायत चुनाव में पार्टियों के बनते-बिगड़ते समीकरण
– सपा-बसपा-कांग्रेस और सत्ताधारी भाजपा ने झोंकी अपनी ताकत

यूपी पंचायत चुनाव: भाजपा ने जीत के लिए चला दांव, तो सपा-बसपा और कांग्रेस गणित बिगाड़ने को तैयार, आप भी दो कदम आगे

यूपी पंचायत चुनाव: भाजपा ने जीत के लिए चला दांव, तो सपा-बसपा और कांग्रेस गणित बिगाड़ने को तैयार, आप भी दो कदम आगे

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. UP Panchayat Election: यूपी में पंचायत चुनावों को लेकर प्रदेश के लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले पंचायत चुनावों को सभी राजनैतिक दल अपने लिए सेमीफाइनल मैच के रूप में देख रहे हैं। उनकी कोशिश है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा सफलता पाई जाए, ताकि 2022 के चुनावों के लिए जनता के बीच एक संदेश जा सके। इसीलिए पंचायत चुनाव में सभी पार्टियां अपने पक्ष में समीकरण बनाने और विरोधियों का समीकरण बिगाड़ने में लगी हैं। एक ओर बीजेपी जहां युवाओं और शिक्षित प्रत्याशियों पर फोकस कर रही है तो समाजवादी पार्टी ग्रामीण इलाकों में कई तरह के अभियान चला रही है। जिससे जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुंचा जा सके। बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता भी प्रचार में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस जिला पंचायत सदस्यों पर दांव लगाकर आगे बढ़ रही है। हालांकि लगभग सभी पार्टियां ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) के पदों के लिए अधिकृत उम्मीदवार नहीं उतार रही हैं, लेकिन स्थानीय प्रभावशाली नेता इन पदों पर अपने समर्थकों को चुनाव लड़ाकर जिताने में जुटे हैं।

 

युवाओं और शिक्षित प्रत्याशियों पर बीजेपी का जोर

प्रदेश में सरकार होने के नाते इस चुनाव में सफल होना भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद जरूरी है। इसके लिए बीजेपी ने कई महीने पहले से तैयारी भी शुरू कर दी है। संगठन के आला पदाधिकारियों के लेवल पर कई बार बैठकें भी हो चुकी हैं और यह भी तय किया जा चुका है कि कैसे प्रत्याशियों को टिकट या समर्थन दिया जाना है। बीजेपी का खासतौर पर फोकस युवा और शिक्षित प्रत्याशियों पर है। बीजेपी ने हर जिले में प्रभारी भी नियुक्त किया है।

 

सपा चला रही अभियान

समाजवादी पार्टी भी कई महीनों से पंचायत चुनावों को लेकर तैयारी कर रही है। किसान आंदोलन के बाद समाजवादी पार्टी ने ग्रामीण इलाकों में कई तरह के अभियान चलाए हैं। पार्टी की कोशिश है कि इन अभियानों के जरिए जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुंचा जा सके। सपा के समर्थित प्रत्याशी भी पार्टी की ओर से शुरू किए गए घेरा अभियान, किसान चौपाल जैसे कार्यक्रमों में अपनी ताकत दिखा रहे हैं। सपा की जिला इकाइयां प्रत्याशी तय करेंगी।

 

बसपा कार्यकर्ता प्रचार में जुटे

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए प्रत्याशी चुनने की जिम्मेदारी बसपा ने मुख्य जोन इंचार्जों को सौंपी है। पार्टी कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर जाकर संभावित प्रत्याशियों के लिए वोट भी मांग रहे हैं। इन चुनावों को लेकर बसपा कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती कई बार अपने स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ले चुकी हैं। कार्यकर्ताओं से इन बसपा को सफलता दिलाने की अपील भी कर चुकी हैं।

 

कांग्रेस का जिला पंचायत सदस्यों पर दांव

कांग्रेस पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों पर दांव लगाएगी। फिलहाल पार्टी ने जो रणनीति तैयार की है, उसके मुताबिक उसने तय किया है कि उसके समर्थन से ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीतें। जिले में संगठन के पदाधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे योग्य उम्मीदवार की तलाश करें। वहीं, दमदार प्रत्याशी अगर किसी जिला अध्यक्ष को प्रधानी या क्षेत्र पंचायत सदस्य के तौर पर मिलता है तो भी पार्टी उसे मदद करने का मन बनाए है।

 

आप ने भी बनाई ये रणनीति

आम आदमी पार्टी ने भी पंचायत चुनावों में पूरे दम से उतरी है। इसके लिए पार्टी ने कुछ प्रत्याशियों के नाम का ऐलान भी किया है। इन चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी लंबे समय से तैयारी कर रही है। पार्टी के आला नेता लगातार स्थानीय मुद्दों को उठा रहे है, ताकि जनता के बीच पार्टी के जनाधार को मजबूत किया जा सके।

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