नोएडा में मुठभेड़
नोएडा के सेक्टर 69 का ट्रांसपोर्ट नगर उस वक्त पुलिस और बदमाशों की गोलियों से गूंज उठा जब चैकिंग के दौरान दो संदिग्ध परिस्थिति में जा रहे अभियुक्तों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन बदमाश पुलिस को चकमा देकर भागने लगे। इसके बाद पुलिस ने पीछा किया तो बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को भी फायरिंग करनी पड़ी जिसमें दोनों बदमाश घायल हो गए।
सहारनपुर में 25 हजार का इनामी पुलिस के हत्थे चढ़ा
सहारनपुर में भी 25 हजार का इनामी बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ा. पुलिस ने चेकिंग के दौरान क़स्बे की ओर आती एक मोटरसाइकिल सवार दो लोगों को जैसे ही पुलिस ने रोकना चाहा तो बिना रुके तेजी से भागने लगे. जिस पर गंगोह पुलिस ने वायरलेस पर सूचना देने के साथ ही बदमाशों का पीछा किया। सूचना के बाद क्राइम ब्रांच टीम और थाना नकुड पुलिस की टीम ने फंदपुरी के पास बदमाशों को घेर लिया। खुद को घिरता देखकर बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की तरफ़ से जवाबी फायरिंग में एक बदमाश को गोली लगी और वो घायल हो गया।
राजधानी में भी अपराधियों की शामत
लखनऊ में कृष्णानगर इलाके में शनिवार सुबह पुलिस और बावरिया गैंग के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें गैंग के दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। मौके से गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। घायल बदमाशों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया है।
10 जिलों में ज्यादा घेराबंदी
यूपी पुलिस की सर्विलांस, विजिलेंस और एलआईयू टीमें लगातार बदमाशों का डाटा खंगाल रही है। लोकेशन मिलते ही बदमाशों को घेरा जा रहा है। इसी के चलते लखनऊ, चित्रकूट, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, नोएडा, कन्नौज, मेरठ, बुलंदशहर,शामली, कानपुर नगर, हापुड़ और सहारनपुर में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई हैं।
एक हजार एनकाउंटर के आंकड़े के करीब
यूपी पुलिस के एक डाटा के मुताबिक साल 2017 में यूपी में करीब 895 एनकाउंटर किए थे। इसमें 26 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए थे। वहीं जनवरी 2018 में महज तीन दिन के अंदर यूपी पुलिस 18 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुकी है। ऐसे में साल 2017-18 के आंकड़ों को मिलाएं तो जल्द ही यूपी पुलिस 1 हजार एनकाउंटर के आंकड़े पूरा कर लेगी।
अमन चैन कायम करना पहली प्राथमिकता
उप्र में अमन चैन कायम करना हमारी पहली प्राथमिकता है। अपराधी किसी भी तरह के हों उन्हें या तो अपराध बंद करना होगा या उप्र छोडऩा होगा। संगठित मुठभेड़ जैसी कोई बात नहीं है। प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। इसलिए वे पकड़े जा रहे हैं।
– राहुल श्रीवास्तव, उप्र पुलिस प्रवक्ता