जनवरी में निकली इस भर्ती प्रक्रिया के तहत 41,520 पदों के लिए 22,78,184 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसके लिए प्रदेश के 56 जिलों में 860 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। सभी जिलों में अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के अफसर को नोडल अधिकारी नामित किया गया था। दो दिनों में चार पालियों में संपन्न कराई गई इस परीक्षा में 18,94,766 अभ्यर्थी शामिल हुए थे और 3,83,418 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे थे।
टीसीएस से मांगा जवाब
परीक्षा आयोजित होने के दो-तीन दिनों बाद ही कुछ स्थानों से यह सूचना आई कि प्रथम पाली एवं द्वितीय पाली में जो प्रश्नपत्र बांटे गए हैं, उनमें अंतर नहीं था। दोनों पालियों में एक ही प्रश्नपत्र बांट दिए गए। इस सूचना पर भर्ती बोर्ड ने परीक्षा कराने वाली संस्था ‘टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज’ (TCS) से जवाब मांगा। जिस पर पहले तो टीसीएस ने बताया कि वर्तमान में ओएमआर शीट की स्कैनिंग का कार्य चल रहा है इस कारण पूरी सूचना दिए जाने में समय लगने की संभावना है। साथ ही यह भी कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह सूचना गलत लग रही है क्योंकि यदि ऐसा हुआ होता तो केंद्र पर्यवेक्षकों एवं अन्य माध्यमों से भी यह सूचना मिली होती। टीसीएस ने भी ओएमआर शीट की स्कैनिंग का कार्य पूरा होने के बाद सभी 860 परीक्षा केंद्रों की गहन समीक्षा की तो दो केंद्रों पर गड़बड़ी सामने आई। भर्ती बोर्ड के अनुसार जांच में पता चला कि इलाहाबाद जिले के परीक्षा केंद्र गुरु माधव प्रसाद शुक्ला इंटर कॉलेज में 18 जून को पहली पाली में दूसरी पाली की पेटी खोलकर और द्वितीय पाली में प्रथम पाली की पेटी खोलकर प्रश्नपत्र बांट दिए गए थे। इसी तरह 19 जून को एटा के श्री पीपीएस कॉलेज में पहली पाली में दूसरी पाली और दूसरी पाली में पहली पाली का प्रश्नपत्र बांट दिया गया। परीक्षा में गलत प्रश्नपत्र बांटे जाने के मामले में हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दाखिल की गईं हैं।
दर्ज होगी एफआईआर
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने इस चूक के लिए जिम्मेदार केद्र व्यवस्थापक, पुलिस प्रेक्षक, परीक्षा कराने वाली संस्था के प्रतिनिधि एवं अन्य दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया है। प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने परीक्षा में हुई चूक को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी दोषियों को दंडित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के संबंध में बोर्ड की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद प्रश्नपत्र की पेटी खोलने में लापरवाही की गई। इस कारण भर्ती बोर्ड की ओर से दोनों केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापकों, परीक्षा कराने वाली संस्था के प्रतिनिधियों, पुलिस के प्रेक्षकों एवं अन्य के विरुद्ध आपराधिक मामले से संबंधित एफआईआर संबंधित थाने में दर्ज कराई जाएगी। संबंधित पुलिस कर्मियों के निलंबन एवं उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए हैं।