आदेश में आगे कहा गया है कि ऑनर-किलिंग के मामलो में आपराधिक मामला दर्ज करने में कतई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। साथ ही इस तरह के मामलों की जांच भी तय समयसीमा में करनी होगी। ऐसे मामलों की पड़ताल में विधि-विज्ञान (फॉरेंसिक साइंस) की मदद को भी प्राथमिकता पर रखें, ताकि अदालत में किसी भी कीमत पर आरोपी सजा से न बच सकें। डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जिला कप्तानों को निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए ये सुनिश्चित करें कि अंतरजातीय या अंतर धर्मीय विवाह करने वाले दंपत्ति का कोई उत्पीड़न न हो, किसी प्रकार की धमकी न दी जाए और ना ही कोई मारपीट की घटना हो।