जून के अंत तक प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में 100 बेड वाले पीकू नीकू और सीएचसी और पीएचसी में 50 नए बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी। प्रदेश में युद्धस्तर पर पीकू नीकू की स्थापना और मेडिकल मेडिसिन किट के वितरण की व्यव्स्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर और संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए सभी जिलों में पूरी सक्रियता से सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, पीकू नीकू और मेडिकल मेडिसिन किट इस चक्रव्यूह का हिस्सा बनाया है।
27 जून से घर-घर पहुंचेंगी दवाएं- कोरोना तीसरी लहर से बच्चों की स्वास्थ्य, सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 27 जून से घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। गांव से लेकर शहर तक प्रत्येक गली-कूचे और घर-घर तक पहुंच बनाने वाली निगरानी समितियों ने सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का बड़ा काम किया है। तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी को सभी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है।
कोरोना के साथ मौसमी बीमारियों से भी बचाएगी किट- मेडिकल-किट में उपलब्ध दवाईयां कोविड-19 के लक्षणों से बचाव के साथ-साथ 18 साल से कम उम्र के बच्चों को मौसमी बीमारियों से भी रक्षा करेगी। तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार ने प्रदेश में 75,000 निगरानी समितियों को जिम्मेदारी सौंपी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल मेडिसिन किट के वितरण को गति देने के लिए 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों के चार लाख से अधिक सदस्यों को लगाया गया है।
प्रत्येक जरूरतमंद तक पहुंचेगी योगी सरकार की मदद-
कोरोना प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। ऐसे में अब तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने इन समितियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। गांवों में भ्रमण करते समय निगरानी समितियां यह भी सुनिश्चित करेंगी कि कोई जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे।
कोरोना प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। ऐसे में अब तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने इन समितियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। गांवों में भ्रमण करते समय निगरानी समितियां यह भी सुनिश्चित करेंगी कि कोई जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे।