नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देश में विद्युत हादसे से बढ़ रही मौतों की संख्या चिंता का विषय है। बिजली हादसों से लोगों की जान जाने के अलावा बड़ी संख्या में बेजुबान जानवर भी मारे जा रहे हैं। इसके अलावा ढीले और लटकते तारों से निकलने वाली चिंगारी से किसानों की फसलें भी दुर्घटना में जलकर राख हो जाती है। विद्युत दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों के मामलों में टॉप-10 राज्यों मे उत्तर प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है।
मध्य प्रदेश में बिजली हादसों से हुई सबसे अधिक मौतें एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक बिजली दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें 2,412 मध्य प्रदेश में हुई है। इसके बाद महाराष्ट्र में 1,499, उत्तर प्रदेश में 1,347, राजस्थान में 1,269, आंध्र प्रदेश में 1,029, तेलंगाना में 830, बिहार में 722, गुजरात में 718, तमिलनाडु में 630 और छत्तीसगढ़ में 622 लोगों की जान गई है।
बिजली कंपनियों पर अंकुश लगाए केंद्र व प्रदेश सरकार- परिषद राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों पर चिंता जाहिर करते हुए इसे चौंकाने वाले आंकड़े बताए। उन्होंने बताया कि विद्युत सुरक्षा के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2012-13 में यूपी में 570 लोगों की जानें गई थी, वहीं वर्ष 2018-19 में यह संख्या बढ़कर 1,116 तक पहुंच गई और अब बेहद चौकाने वाला मामला है। परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में बिजली कंपनियों की उदासीनता के चलते जिस प्रकार हादसे हो रहे है, वह चिंता की बात है। परिषद ने देश के प्रधानमंत्री, ऊर्जा मंत्री और यूपी के ऊर्जा मंत्री से इस गंभीर मुद्दे पर विशेष कार्ययोजना बनाकर बिजली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग की है।