दरअसल, पहले कड़ी में 18 हजार स्कूलों को स्मार्ट बनाने का काम किया जा रहा है। वहीं, अगले शैक्षिक सत्र में 25 हजार अपर प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज शुरू की जाएगी। स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद के अनुसार इसके लिए एक महीने के भीतर स्कूल चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। उन्हीं स्कूलों को चिह्नित किया जाएगा, जहां पक्के कमरे होंगे और बिजली व सुरक्षा की व्यवस्था बेहतर होगी। स्मार्ट स्कूलों में शिक्षकों को भी स्मार्ट क्लास के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
यूपी शिक्षा का कहना है कि अब की शिक्षा में डिजिटल टूल का इस्तेमाल बढ़ रहा है। ऑनलाइन कंटेट और पढ़ाई के रोचक तरीकों से बेसिक स्कूलों के बच्चे भी जुड़ सकें। इसमें स्मार्ट क्लास कारगर साबित होंगी। इसके अलावा स्कूलों को अन्य बुनियादी संसाधनों से लैस किया जा रहा है। इससे पहले भी ग्राम पंचायत की निधि और समाज के सहयोगों से भी स्कूलों में कंप्यूटर, प्रॉजेक्टर आदि उपलब्ध करवाने की पहल की गई थी। अब यह सभी सुविधा विभाग की तरफ से प्रदान जाएंगी।