यूपी सेतु निगम के सभागार में दिए गए निर्देश
निदेशक मंडल ने यह निर्देश बुधवार को यूपी सेतु निगम के सभागार में हुई 177वीं बैठक में दिए। बैठक की अध्यक्षता डेप्युटी सीएम और निदेशक मंडल के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने की। निदेशक मंडल ने पुल निर्माण के साथ ही निगम को अन्य क्षेत्रों में भी भागीदारी करने के निर्देश दिए। कहा, जिन पुलों का अभी तक नामकरण नहीं हुआ है, उनका नामकरण स्वाधीनता सेनानी या फिर उस क्षेत्र के लिए विशिष्ट योगदान करने वाले महापुरुषों के नाम से किया जाए।
सेवानिवृत्ति के बाद भी चलेगी घोटाले की जांच
निर्देश दिए गए कि जिन मामलों में जांच चल रही है, उसका निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए। अनियमितता व भ्रष्टाचार के मामलो की जांच सेवा निवृत्ति के बाद भी जारी रहेगी। बैठक में पीडब्ल्यूडी के सचिव समीर वर्मा, विशेष सचिव वित्त ओपी श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष वीके सिंह, सेतु निगम के एमडी उत्तम कुमार गहलोत सहित निदेशक मंडल के सदस्य मौजूद रहे।
बजट के लिए नई समिति की करें तैयारी
निदेशक मंडल ने स्वास्थ्य सुरक्षा एवं पर्यावरण की दृष्टि से लेबोरेट्री बनाने, मशीनों का उचित रख-रखाव के साथ-साथ तकनीकी प्रशिक्षण दिए जाने पर बल दिया। हर स्तर पर सुरक्षा मानकों का प्रयोग करने के निर्देश दिए। डेप्युटी सीएम ने ऐसा समाधान खोजने के निर्देश दिए, जिससे पुलों के निर्माण का कार्य लंबा न खिंचे और उसकी लागत न बढ़े। निदेशक मंडल ने इसके लिए सेतु निगम के लिए बजट निर्धारण के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करने के निर्देश दिए ताकि तय समय और गुणवत्ता के साथ कार्य पूरा हो सके।
इस तरह से विकसित करें नई तकनीक
इंजिनियरों को निर्देश दिए हैं कि पुरानी तकनीक के जगह पुल निर्माण में नई तकनीक का प्रयोग किया जाए। पुरानी और अनुपयोगी हो चुकी मशीनों को बदल कर उनके स्थान पर नई तकनीक की मशीनों से काम लिया जाए। निदेशक मंडल ने वर्ल्ड क्लास कम्पनीज के साथ जॉइंट वेन्चर बनाने का भी सुझाव दिया। मंडल के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों से ऐसी तकनीक विकसित करने को कहा, जिससे पुलों में आने वाली खराबी का पहले से पता चल जाए।