scriptशिया वक्फ बोर्ड का सवाल – क्या चोरी करने पर मुस्लिम का काट लिया जाये हाथ | up shia central waqf board chairman syed waseem rizvi | Patrika News

शिया वक्फ बोर्ड का सवाल – क्या चोरी करने पर मुस्लिम का काट लिया जाये हाथ

locationलखनऊPublished: Dec 28, 2017 09:19:06 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने तीन तलाक देने वालों के लिए दस साल की सजा का प्राविधान किये जाने की मांग की है।

syed waseem rizvi
लखनऊ. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक बार में तीन तलाक कह कर तलाक देने वालों के लिए दस साल की सजा का प्राविधान किये जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने अनुरोध किया है कि तीन तलाक पर बनाये जाने वाले कानून में एक बार में तीन बार तलाक कह कर तलाक देने वाले व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मुकदमा कायम होना चाहिए और ऐसे काम के लिए कम से कम दस साल की कठोर कारावास की सजा होनी चाहिए।
रिजवी ने आगे पत्र में लिखा है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला जिंदगी भर अपने बचे हुए जीवन में संघर्ष करती है और समाज में भी उसे सम्मान नहीं मिलता। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक बार में तीन तलाक को सही मानते हुए कानून का विरोध कर रहा है, जो कि खेदजनक है। एक बार में तीन बार तलाक कह देना शरई मामला नहीं है। कुरान में इस तरह से तलाक देने का कोई निर्दश या उदाहरण नहीं है। यह महिला के प्रति अत्याचार व शोषण की श्रेणी में आता है जो कि अपराध है। इसे आपराधिक कृत्य मानते हुए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंडनीय अपराध मना जाना चाहिए।
सैयद रिजवी ने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को यह तय करना होगा कि हिंदुस्तान में मुसलमानों पर शरीयत के कौन से सामाजिक कानून लागू होने चाहिए और कौन से आपराधिक कानून लागू होने चाहिए। अगर अपराध और अपराधियों के सम्बन्ध में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ऐसे ही विचार हैं तो उन्हें इस बात का समर्थन करना चाहिए कि हिन्दुस्तान के मुसलमानों पर शरई आपराधिक कानून लागू हों यानि कि अगर कोई मुस्लमान चोरी करता है तो उसे भारतीय दंड संहिता के प्राविधानों के तहत तीन साल या उससे अधिक की सजा न देकर इस्लामिक कानून के तहत हाथ काट दिए जाये और अगर कोई मुस्लिम बलात्कार करे तो उसे भी शरीयत कानून के मुताबिक दंड दिए जाए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो