scriptExclusive- पढ़िए चन्द्र शेखर आज़ाद का पत्र, जिसने Kakori Conspiracy को दिलाई जीत | UP State Archives Department released Chandrashekar Azad code word letter of Kakori robbery | Patrika News

Exclusive- पढ़िए चन्द्र शेखर आज़ाद का पत्र, जिसने Kakori Conspiracy को दिलाई जीत

locationलखनऊPublished: Jun 11, 2016 07:05:00 pm

Submitted by:

Santoshi Das

काकोरी लूट कांड की भनक अंग्रेज़ों के ख़ुफ़िया सूत्रों को नहीं लग पाई थी क्यूंकि क्रांतिकारी चन्द्र शेखर आज़ाद इस लूट काण्ड को अंजाम देने के लिए पत्राचार के दौरान कोड वर्ड का प्रयोग कर रहे थे

kakori loot kand

kakori loot kand

संतोषी दास

लखनऊ.
क्रांतिकारियों ने आज़ादी के आंदोलन को गति देने के लिए सरकारी खज़ाना लूटने की प्लानिंग की थी उसमें चन्द्र शेखर आज़ाद का अहम योगदान था। काकोरी लूट कांड की भनक अंग्रेज़ों के ख़ुफ़िया सूत्रों को नहीं लग पाई थी क्यूंकि क्रांतिकारी चन्द्र शेखर आज़ाद इस लूट काण्ड को अंजाम देने के लिए पत्राचार के दौरान कोड वर्ड का प्रयोग कर रहे थे। उस लूट के लिए तैयारी कर रहे फ्रीडम फाइटर आज़ाद द्वारा कोड वर्ड में लिखा गया एक पत्र सामने आया है। यह पत्र लखनऊ के महानगर स्थित राज्य अभिलेखागार उत्तर प्रदेश में रखा गया है।

यह भी पढ़िए–ग्रह दोष सुधारें, घर में लगाएं यह पौधे

राज्य अभिलेखागार उत्तर प्रदेश के संयुक्त निदेशक महेंद्र ने बताया की उनके पास काकोरी लूट कांड के दस्तावेज़ रखे हैं। इसमें कई दस्तावेज़ उन दिनों के सीआईडी के हैं । कई स्वतंत्रा सेनानियों द्वारा काकोरी कांड को अंजाम देने के लिए कोड भाषा में प्रयोग किये गए पत्र हैं। इन पत्रों को अभिलेखागार संजोय हुआ है।

यह भी पढ़िए-‘ऑनलाइन’ बाबा के गैंग में फंस रही महिलाएं, हो रहा ऐसा गंदा काम, देखिये तसवीरें

kakori loot kand



धोती और लंगोट कोड वर्ड
अभिलेखगार में चन्द्र शेखर आज़ाद द्वारा लिखा गया वह पत्र मौजूद है जिसका इस्तेमाल काकोरी लूट कांड में अहम माना गया था। इस पत्र के साथ ही लूट कांड की तैयारी गुपचुप तरीके से शुरू हो रही थी। इस पत्र में आज़ाद ने दो धोती और लंगोट देने की बात कही है। अभिलेखागार के संयुक्त निदेशक का मानना है की चिट्टी में लिखा गया धोती और लंगोट शब्द कोड वर्ड की तरह प्रयोग किया गया था।

ठाकुर रोशन का भी पत्र रखा है सहेज कर
अभिलेखागार में काकोरी लूट कांड के आरोपी ठाकुर रोशन के पत्र को भी संजो कर रखा गया है। इन वीर क्रांतिकारियों के हाथ से लिखे पत्र आज़ादी की लड़ाई की दास्तां बयां कर रही है।

यह भी पढ़िए-विधायकों की Cross Voting के बाद Bjp की सोशल इंजीनियरिंग राम भरोसे


kakori loot kand





























काकोरी कांड का इतिहास
क्रांतिकारियों द्वारा चलाये जा रहे आज़ादी के आंदोलन को गति देने के लिए धन की जरुरत थी। धन कहां से आये इसके लिए शाहजहांपुर में बैठक हुई। इसमें राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेज़ों का खज़ाना लूटने की योजना बनाई। इस योजना के अनुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेंद्रनाथ लाहिड़ी ने सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर को 19 अगस्त 1925 में ट्रेन की चैन खींच कर ट्रेन रुकवाई। इसके बाद अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल, चन्द्रशेखर आज़ाद और उनके सहयोगियों ने काकोरी में ट्रेन में रखा खज़ाना लूट लिया। इस घटना के बाद अंग्रेज़ों ने सरकारी खज़ाना लूटने और मुसाफिरों की ह्त्या करने का मुकदमा क्रांतिकारियों पर चलाया। जिसमें राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु दण्ड की सजा सुनाते हुए फांसी की सजा दी।

यह भी पढ़ें हवन करके मनाया गया शहीद राम प्रसाद बिस्मिल का जन्मदिन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो