सवालों के घेरे में UP TET का जिम्मा संभालने वाली एजेंसी
Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test (UPTET-2017) का जिम्मा लेने वाली एजेंसी इस वक्त सवालों के घेरे में आ गई है। मामले में हुई शिकायत के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (Academic research training council-SCERT) के निदेशक डॉ.सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से स्पष्ट आख्या मांग ली है।
निदेशक से की गई शिकायत में यह कहा गया है कि UPTET-2017 का आयोजन एवं परीक्षा परिणाम से संबंधित कार्य उस एजेंसी को दिया गया, जिस पर माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी 2013 (TGT-PGT 2013) परीक्षा और टीईटी 2013 (TET 2013) परीक्षा तथा परीक्षा परिणाम संबंधी कार्य में बड़े स्तर पर धांधली के गंभीर आरोप लगे थे। ऐसे में एससीईआरटी के निदेशक ने सचिव से इस मामले में स्पष्ट आख्या परिषद कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। बताते चलें कि टीईटी में गड़बड़ी के मामले में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को जेल तक जाना पड़ा था। इसी एजेंसी ने टीजीटी-पीजीटी 2013 की परीक्षा की ओएमआर सीट भी जांची थी।
शिकायत के बाद पूर्व चेयरमैन हीरालाल गुप्ता ने चयन बोर्ड में रखी ओएमआर सीट के आधार पर जांच कराई तो काफी गड़बड़ी सामने आई थी। अब वर्तमान में टीईटी-2017 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है, जो 19 सितंबर को पूरी होगी। ऐसे में एजेंसी पर सवाल उठना, गंभीर माना जा रहा है। सचिव डॉ. एस सिंह के अनुसार शासनादेश के तहत एजेंसी के चयन का कार्य पूरी तरह गोपनीय होता है। शासन ने सचिव को यह अधिकार दिया है। एजेंसी का चयन पूरी गोपनीयता से किया गया है। शिकायत पूरी तरह काल्पनिक है। बताया कि कुछ लोगों ने यह काम देेने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया था लेकिन वे सफल नहीं हो सके तो इस तरह की काल्पनिक शिकायत कर रहे हैं। इसकी रिपोर्ट निदेशक को भेज दी गई है।