उनका कहना है कि अगर फिर भी उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी तो वे राजधानी में विशाल रैली करेंगे। शिक्षकों का कहना है कि यह आदेश जताता है कि सरकार शिक्षकों पर विश्वास नहीं कर रही है। जब अन्य विभागों में हाजिरी का यह तरीका नहीं है तो बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में इसे लागू करने का क्या औचित्य है।
उप प्राथमिक शिक्षक संघ ने विरोध का ऐलान करते हुए कहा है कि अब कोई भी शिक्षक अपने निजी फोन से सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं करेगा और न ही मिड डे मील में बच्चों की संख्या भेजेगा। जो शिक्षक ब्लॉक सह समन्वयक या न्याय पंचायत समन्वयक हैं, वे अपने पद से इस्तीफा देकर शिक्षक के पद पर कार्यभार ग्रहण करके विभागीय अधिकारियों के शोषण का विरोध करें। वे शिक्षक जो बिना किसी अतिरिक्त वेतन के प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर काम कर रहे हैं या किसी अन्य स्कूल का प्रभार लिए हैं तो वे तुरंत प्रभार वापस करें और शोषण का विरोध करें।