लखनऊ

UP: फाइनल ईयर परीक्षा को छोड़कर सभी परीक्षाएं रद्द, बिना एग्जाम प्रमोट होंगे सभी छात्र

कोरोना महामारी (Covid-19) का असर अब पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। कॉलेज में शैक्षिक सत्र व शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बच्चों का कॉलेज जाना अभी बंद है। उधर, अधर में लटके सिलेबस और परीक्षा की चिंता ने स्टूडेंट्स को परेशान कर रखा है। कोविड-19 वैश्विक महामारी में छात्रों के सुरक्षित भविष्य को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है

लखनऊJul 17, 2020 / 09:38 am

Karishma Lalwani

फाइनल ईयर परीक्षा को छोड़कर सभी परीक्षाएं रद्द. बिना एग्जाम प्रमोट होंगे सभी छात्र

लखनऊ. कोरोना महामारी (Covid-19) का असर अब पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। शैक्षिक सत्र व शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस बार कोरोना वायरस की वजह से बच्चों के लिए बंद पड़े विश्वविद्यालय और अधूरे कोर्स के कारण यूजी व स्नातकोत्तर (पीजी) की फर्स्ट ईयर परीक्षाएं (Graduation and Post Graduation Exams) कराना मुश्किल हो गया है। उधर, अधर में लटके सिलेबस और परीक्षा की चिंता ने स्टूडेंट्स को परेशान कर रखा है। कोविड-19 वैश्विक महामारी में छात्रों के सुरक्षित भविष्य को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। इस शैक्षिक सत्र फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षाएं न कराते हुए केवल फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। प्रदेश के डिप्टी सीएम व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) ने कहा है कि स्नातक में प्रथम व द्वितीय और परास्नातक में प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन व पिछली कक्षा में मिले अंकों के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। वहीं स्नातक तृतीय वर्ष और परास्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं होंगी। परीक्षाएं ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन दोनों मोड में होंगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि अंडर ग्रेजुएशन में फर्स्ट और सेकेंड ईयर और पोस्ट ग्रेजुएशन में फर्स्ट ईयर के सभी छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन व पिछली कक्षा में मिले अंकों के आधार पर प्रमोट किया जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग के फैसले के अनुसार, विश्वविद्यालयों के पास छात्रों को प्रोन्नत करने के दो तरीके हैं। विश्वविद्यालय चाहें तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सुझाव के अनुसार या फिर शासन द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति प्रो.एनके तनेजा की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों के अनुसार प्रोन्नत कर सकते हैं।
23 जुलाई तक शिक्षा विभाग को सौपेंगे कार्यक्रम

परीक्षा के तरीकों मे ज्यादा कोई बदलाव न करते हुए परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न ज्यादा पूछे जाएंगे। प्रदेश के विश्वविद्यालय 23 जुलाई तक अंतिम वर्ष छात्रों की परीक्षा का कार्यक्रम तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजेंगे। वहीं, यूजी की रिवाइज्ड गाइडलाइन के अनुसार, 30 सितंबर तक अंतिम सेमेस्टर की ऑफलाइन या ऑनलाइन परीक्षा शुरू करने के निर्देश हैं। इसके बाद 15 अक्टूबर तक ग्रेजुशन का रिजल्‍ट और 31 अक्टूबर तक पोस्ट ग्रेजुएशन का रिजल्‍ट घोषित किया जा सकता है।
इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कोर्स के लिए नहीं एडवाइजरी

उच्च शिक्षा विभाग की यह एडवाइजरी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कोर्स करने वालों के लिए नहीं है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार, इसमें इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कोर्स को नहीं जोड़ा गया है। विश्वविद्यालयों में पढ़ाये जा रहे कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि एवं कृषि विषयों के स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के बारे में ही है। राज्य विश्वविद्यालय, डिग्री कॉलेज, प्राविधिक विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में पढ़ रहे व स्नातकोत्तर (यूजी) के फाइनल ईयर के विद्यार्थी परीक्षा देने के बाद ही पास घोषित किए जाएंगे। इसके अलावा बाकी सभी छात्र प्रोन्नत किए जाएंगे।
अनुपस्थित छात्रों को दोबारा परीक्षा का मौका

कोरोना काल में अगर किसी की परीक्षा छूट गई हो या किसी वजह से कोई विद्यार्थी परीक्षा देने में असक्षम रहा हो, तो उसे दोबारा परीक्षा देने का पूरा मौका मिलेगा। उप मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक विश्वविद्यालय की सुविधा के अनुसार सेमेस्टर परीक्षा को आयोजित कराया जाएगा। यह प्रावधान केवल चालू शैक्षिक सत्र के लिए ही लागू है।
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