लखनऊ

यूपी विधानसभा की इन दो सीटों पर जल्द हो सकते हैं उपचुनाव, जानें- किसकी गई विधायकी और कब होंगे चुनाव

मंगलवार को प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता रद्द होने की जानकारी दी

लखनऊFeb 25, 2020 / 02:35 pm

Hariom Dwivedi

संभावना है कि राज्य चुनाव आयोग जल्द ही उत्तर प्रदेश की इन दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर सकता है

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव हो सकते हैं। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने मंगलवार को बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता रद्द होने की जानकारी दी। 20 दिसंबर 2019 को दुष्कर्म के मामले में सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उसी दिन से उनकी सदस्यता खत्म मानी जाएगी। वहीं, जन्मतिथि विवाद के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर की सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम खां का निर्वाचन रद्द कर दिया है। संभावना है कि राज्य चुनाव आयोग जल्द ही इन दोनों सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। हालांकि, अब्दुल्ला ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। इससे पहले हत्या के एक पुराने मामले में हमीरपुर सदर से बीजेपी विधायक अशोक सिंह चंदेल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी।
कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव के बांगरमऊ से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायकी जीते थे। दुष्कर्म के आरोप तय होने के बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था और अब उनकी सदस्यता रद्द होने का ऐलान भी कर दिया गया है। अधिसूचना के मुताबिक जिस तारीख से कुलदीप सिंह सेंगर को सजा सुनाई गई, उसी दिन से उनकी सदस्यता खत्म मानी जाएगी। इस फैसले के साथ यह भी साफ कर दिया गया है कि सेंगर अब कभी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट की शरण में अब्दुल्ला आजम
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उम्र विवाद मामले में रामपुर की स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद कर दिया। चुनाव वक्त अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल नहीं थी। अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चुनाव याचिका साल 2017 में बसपा नेता नबाव काजिम अली ने दाखिल की थी। सपा सांसद आजम खान के छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम हैं। वर्ष 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला ने पहली बार रामपुर क्षेत्र की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। उनकी विधायकी रहेगी या छिनेगी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
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