राजधानी में सभी कयासों को धता बताते हुए गुरुवार को मेघ जमकर बरसे। मानसून सीजन में गुरुवार पहला ऐसा दिन रहा, जब दिनभर मेघ बरसते रहे। हालांकि, बारिश बहुत ज्यादा नहीं दर्ज हुई लेकिन दिनभर लगी झड़ी से मौसम खुशगवार हो गया। तापमान बुधवार के 32.3 के मुकाबले 7.1 डिग्री लुढ़ककर 25.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। गुरुवार को 45.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। सर्वाधिक 85.2 मिमी बरसात वाराणसी एयरपोर्ट और 76.2 मिमी बरसात वाराणसी बीएचयू में रिकॉर्ड हुई। इसके साथ ही बांदा में 75.2, रायबरेली फुर्सतगंज में 54.8, हमीरपुर में 41.10, सुल्तानपुर में 39.6 और राजधानी लखनऊ में 39.2 मिमी वर्ष रिकॉर्ड हुई।
44 लोगों की मौत
प्रदेश में जगह-जगह हो रही बारिश आफत बनकर टूटी है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में बारिश के कारण दीवार ढहने, मकान गिरने, बिजली गिरने और सर्पदंश समेत विभिन्न वर्षाजनित हादसों में कुल 44 लोगों की मौत हो गयी। राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रतापगढ़ और रायबरेली में सबसे ज्यादा छह-छह मौतें हुई हैं। इसके अलावा अमेठी में पांच, चंदौली और वाराणसी में चार-चार, बाराबंकी, महोबा और प्रयागराज में तीन-तीन, अम्बेडकर नगर में दो, गोरखपुर, सोनभद्र, अयोध्या, सहारनपुर, जौनपुर, कौशाम्बी, कानपुर और आजमगढ़ में एक-एक व्यक्ति की हादसों में मौत हो गयी।
बंद रहेंगे स्कूल
लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रभावित लोगों तक तत्काल राहत पहुंचाना सुनिश्चित करें। राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिला प्रशासन ने भारी बारिश के मद्देनजर स्कूलों को शनिवार तक बंद रखने के आदेश दिए हैं।
मरने वालों को 4 लाख का मुआवजा
एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने संबद्ध अधिकारियों से कहा है कि वह बारिश से प्रभावित क्षेत्रों और बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे इलाकों का दौरा करें, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे भारी बारिश के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद सुनिश्चित करें। साथ ही घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था करें।