गेहूं खरीद के सापेक्ष किसानों को कुल रुपये 11,141 करोड़ भुगतान किया जाना था, लेकिन अभी तक 10,680 करोड़ रुपए का भुगतान ही हो पाया है। अफसरों का कहना है कि पेमेंट में देरी की वजह मिसमैच और टेक्निकल फॉल्ट जैसी दिक्कतें है। कई मामलों के किसानों के नाम मैच नहीं कर रहे हैं तो कहीं कई और दिक्कते हैं। खाद्य एवं रसद विभाग के एक बड़े अफसर ने बताया कि अभी किसानों का रुपये 461 करोड़ का भुगतान बाकी है, जिसका पेमेंट जल्द ही किया जाएगा।
पंजीकरण के बाद भी नहीं बेच पाये गेहूं
इस वर्ष क्रय-केंद्रों पर गेहूं खरीद के लिए 16,10,637 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से कुल 12.98 लाख किसानों से 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। रजिस्ट्रेशन के बावूजद करीब सवा तीन लाख किसान खरीद की प्रक्रिया से अछूते रह गये हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में इस वर्ष अनुमानित उत्पादन 391.5 मीट्रिक टन है। पांच जुलाई तक करीब 15 फीसदी यानी 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।
इस वर्ष क्रय-केंद्रों पर गेहूं खरीद के लिए 16,10,637 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से कुल 12.98 लाख किसानों से 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। रजिस्ट्रेशन के बावूजद करीब सवा तीन लाख किसान खरीद की प्रक्रिया से अछूते रह गये हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में इस वर्ष अनुमानित उत्पादन 391.5 मीट्रिक टन है। पांच जुलाई तक करीब 15 फीसदी यानी 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।
रिकॉर्ड गेहूं खरीद का दावा
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि इससे पहले अब तक का सर्वाधिक गेहूं वर्ष 2018-19 में 52.92 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया था। वर्ष 2019-20 में 37.04 लाख टन तथा गत वर्ष 2020-21 में 6,63,810 किसानों से 35.76 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। पिछले साल की तुलना में यह कहीं अधिक है। साथ ही 5,66,214 ज्यादा किसान लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार रिकॉर्ड 16,10,637 किसानों द्वारा आनलाइन पंजीकरण कराया गया, जबकि गतवर्ष 7,94,484 किसानों ने ही पंजीकरण कराया था।
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि इससे पहले अब तक का सर्वाधिक गेहूं वर्ष 2018-19 में 52.92 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया था। वर्ष 2019-20 में 37.04 लाख टन तथा गत वर्ष 2020-21 में 6,63,810 किसानों से 35.76 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। पिछले साल की तुलना में यह कहीं अधिक है। साथ ही 5,66,214 ज्यादा किसान लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार रिकॉर्ड 16,10,637 किसानों द्वारा आनलाइन पंजीकरण कराया गया, जबकि गतवर्ष 7,94,484 किसानों ने ही पंजीकरण कराया था।
22 जून को बंद हो गई थी गेहूं की खरीदी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि जब किसानों के पास गेहूं है खरीद केंद्र चलते रहेंगे। लेकिन, उत्तर प्रदेश में 22 जून 2021 से क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद बंद हो चुकी है। गेहूं खरीद की प्रक्रिया खत्म होने के बाद भी कई किसान औने-पौने दामों में अपनी उपज बेचने को मजूबर हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि जब किसानों के पास गेहूं है खरीद केंद्र चलते रहेंगे। लेकिन, उत्तर प्रदेश में 22 जून 2021 से क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद बंद हो चुकी है। गेहूं खरीद की प्रक्रिया खत्म होने के बाद भी कई किसान औने-पौने दामों में अपनी उपज बेचने को मजूबर हैं।
रिकॉर्ड गेहूं खरीद का दावा झूठा : अजय लल्लू
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार द्वारा रिकॉर्ड गेहूं खरीद के आंकड़े को झूठा करार दिया। कहा कि सरकार से किसानों से कुल उपज का मात्र 14 फीसदी गेहूं ही खरीदा है। सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान औने-पौने दामों पर बिचौलियों के हाथ अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार द्वारा रिकॉर्ड गेहूं खरीद के आंकड़े को झूठा करार दिया। कहा कि सरकार से किसानों से कुल उपज का मात्र 14 फीसदी गेहूं ही खरीदा है। सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान औने-पौने दामों पर बिचौलियों के हाथ अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं।