उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहां कोरोना काल में विधानसभा सत्र का आयोजन होने जा रहा है। इस सत्र का एक अलग ही अनुभव होगा क्योंकि इसे कोविड -19 महामारी के प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित किया जाएगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। सभी सदस्य देश के सामने एक मिसाल कायम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सत्र में जनता से जुड़े गंभीर विषयों को संबोधित किया जा सके।
कोरोना महामारी और बढ़ते संक्रमित मामलों को देखते हुए इस विधानसभा सत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जा रहा है। विधानसभा सत्र के दौरान हर एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि इस बार दर्शक दीर्घा नहीं होगी। दर्शक दीर्घा और लॉबी का इस्तेमाल भी सदन के फ्लोर के जैसा होगा, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विधायकों के बैठने की सीटिंग अरेंजमेंट की जा सके। वहीं पूर्व सांसदों-विधायकों के स्थायी पास निरस्त रहेंगे। बता दें कि संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक 6 महीने के भीतर विधानसभा का सत्र बुलाना जरूरी होता है।
सदन में दाखिल होने से पहले हर विधायक की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद ही उनको अन्दर जाने दिया जाएगा। सभी सदस्यों को मास्क पहनकर ही विधानसभा में आना होगा। ऐसे में अगर कोई विधायक बिना मास्क पहने आता है तो उसे विधानसभा सचिवालय की ओर से मास्क उपहार में दिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दलों के नेताओं से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसी मुश्किल घड़ी में शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान सभी पार्टियां परस्पर सहयोग और समन्वय की भावना से काम करेंगी।