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यूपी बनेगा आईटी का हब, कौशल विकास केन्द्रों से जुडें़गे विद्यालय व महाविद्यालय

locationलखनऊPublished: Jul 21, 2019 09:38:54 pm

Submitted by:

Anil Ankur

पूर्वांचल एक्सप्रेसदृवे बनने के बाद उसके दोनो ओर विकास की गंगा बहेगी

लखनऊ.पूर्वांचल का विकास सरकार की प्राथमिकता में है। आने वाले समय में पूर्वांचल देश का नेतृत्व करने वाला क्षेत्र बनने जा रहा है। समय के साथ हर क्षेत्र में बडे बदलाव आए हैं।सरकार कौशल विकास केन्द्रों को सरकारी विद्यालयों व महाविद्यालयों से जोडने जा रही है, इससे रोजगार की संभावनाए अपने आप ही बढ जाएंगी। सरकार का प्रयास है कि पूर्वांचल का विद्यार्थी पूर्वांचल में रह कर पढाई करे व यहीं पर उसे नौकरी भी मिल सके। सरकार पूर्वांचल में तेजी से विकास कार्य करा रही है। आज मात्र दस मिनट में एयरपोर्ट से बाबा के दर्शन के लिए पहुँचा जा सकता है क्योंकि सरकार ने बेहतरीन मार्ग का निर्माण कराया है।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने धीरेंद्र महिला पी0जी0 कॉलेज, करमाजीतपुर, वाराणसी में पूर्वांचल में उच्च शिक्षा के विकास में चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर आयोजित सेमिनार में यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि पूर्वांचल में जरदोजी और लकडी के खिलौने का कारोबार बढे साथ ही कर्मकांड कि शिक्षा की भी व्यवस्था हो सके। सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहन के लिए शोध पीठों की स्थापना कराई है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से लक्ष्य निर्धारित कर परिश्रम करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसे प्रोजेक्ट से युवाओं के लिए रोजगार के तमाम अवसर प्रदान किए है। उन्होंने कहा कि समय में बदलाव के साथ ही लडकियों के लिए नौकरियों में अवसर बढे हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में आए बदलावों के बाद उत्तर प्रदेश में निवेश आना आरंभ हुआ है। आज आईटी के क्षेत्र में अकेले 59 हजार करोड़ का निवेश हो रहा है। आईटी के क्षेत्र में यूपी सबसे बडा हब बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के विकास पर भी सरकार का जोर हैं तथा प्रधानमंत्री ने कहा है कि वहां पर कोई प्यासा नहीं रहेगा तथा वहां हर घर में पाईप से पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है। प्रधानमंत्री ने पहले हर घर में शौचालय, बिजली व गैस का चूल्हा दिया अब इसके बाद हर गांव का डिजिटाईजेशन करने जा रहे हैं। इससे स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसे प्रोजेक्ट का लाभ गांव तक पहुच सकेगा। इसका सबसे अधिक लाभ पूर्वांचल को मिलने जा रहा है। आनें वाले समय में पूर्वांचल देश का नेतृत्व करने वाला क्षेत्र बनेगा।

डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि सेमिनार का विषय समसामयिक है और पूरे प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां व समस्याएं समान हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ में पूर्वांचल के विद्यार्थियों की बडी संख्या है। अब सिद्धार्थनगर बलिया में विश्वविद्यालय खुल गया है और सरकार आजमगढ में भी विश्वविद्यालय खोलने जा रही है। सरकार की ओर से बड़ी संख्या में महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि यूपी में जो 47 महाविद्यालय बनाए जा रहे हैं उनमे से 40 प्रतिशत पूर्वांचल में हैं। सरकार पूर्वांचल में उच्च शिक्षा की बेहतर व्यवस्था के लिए कार्य कर रही है। इसके बावजूद निजी क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए संभावनाए तलाशने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। आज भी अधिकारियों में बडी संख्या पूर्वांचल से है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल ने तमाम तरह की परेशानियां सही हैं पर उनका उच्च शिक्षा पर कोई नकारात्मक प्रभाव नही पड़ा है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के विकास के लिए एम्स, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे जैसी कई योजनाएं सरकार लाई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ ही उसके दोनो ओर विकास की गंगा बहेगी। यह पूर्वांचल में बड़ा बदलाव लाएगा ।
डॉ शर्मा ने कहा कि सरकार ने रोजगार को शिक्षा से जोडने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाई है। सरकार ने हाईस्कूल व व इंटर में एनसीईआरटी के पैटर्न पर शिक्षा की व्यवस्था की है। किताबों की बिक्री में होने वाली दलाली को खत्म किया है जिसका नतीजा यह है कि आज सबसे सस्ती किताबें यूपी में मिल रही हैं। अब यूपी बोर्ड के बच्चे भी सीबीएसई जैसे अन्य बोर्ड के बच्चों से मुकाबला कर सकेंगे। आज सभी बोर्ड प्रयागराज बोर्ड की अच्छी पहल को अपनाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। जो परीक्षाएं किसी समय में ढाई माह चलती थीं उन्हे मात्र 15 दिन में पूरा कराने के साथ ही सबसे पहले रिजल्ट निकालने का कारनामा भी यूपी बोर्ड ने ही किया। उन्होंने कहा कि पहले करीब 7 माह अवकाश व मात्र 5 माह पढाई होती थी पर उसे भी नियंत्रित किया है। सरकार ने असल में चुनौतियांे में ही संभावनाओं को तलाशा है। पाठयक्रम मेें रोजगारपरक कोर्स जोड़े गए हैं। सरकार ने तकनीक के प्रयोग से नकल पर रोक की व्यवस्था की। परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण की भी फूलप्रूफ व्यवस्था की गई जिससे नकल विहीन परीक्षाए कराई जा सकी। बच्चों के नामांकन को आधार कार्ड से जोड़ा गया। सरकार ने शोध गंगा पोर्टल बनाया है जिसमें शोध के क्षेत्र में होने वाले विशेष कार्य उस पोर्टल पर भी आ सकें। विद्यार्थी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों व ज्ञान को पा सके इसकी भी व्यवस्था की गई।

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