यूपी में अब चलेगा साक्षरता अभियान
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रदेश में निरक्षर लोगों
को साक्षर बनाने के लिए अभियान चलाए जाने के निर्देश जारी किए है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रदेश में निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए अभियान चलाए जाने के निर्देश जारी किए है।
उन्होंने कहा कि साक्षर बनाने के अभियान में शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ-साथ शिक्षित आम नागरिकों की भागीदारी भी सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने कहा कि साक्षर अभियान में सहयोग करने वाले शिक्षित नागरिकों को साक्षरता सिपाही के नाम से संबोधित किया जाये।
उन्होंने कहा कि लखनऊ जनपद को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने के लिए अभियान चलाकर आगामी दो वर्षों में साक्षर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करना होगा कि आगामी दो वर्षों में लखनऊ शहर का कोई भी व्यक्ति साक्षर होने से छूटने न पाये।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि निरक्षर से साक्षर होने वाले व्यक्ति को प्रेरित किया जाये कि वह अपने क्षेत्र मोहल्ले एवं गांव की जनसमस्याओं को अपने हस्तलिखित से सम्बन्धित जिलाधिकारी अथवा अधीनस्थ अधिकारियों को लिखकर भेजें।
उन्होंने कहा कि जनपदीय अधिकारियों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे प्राप्त होने वाले पत्रों का आवश्यक समाधान यथाशीघ्र कराकर प्रगति से सम्बन्धित साक्षर व्यक्ति को पत्र भेजकर अवश्य अवगत कराएं।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के निरक्षरों को साक्षर बनाने के अभियान में सहयोग करने वाली सामाजिक संस्थाओं का भी पूरा सहयोग प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी सामाजिक संस्थाओं को उनके द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों में पूरा सहयोग प्रदान किया जाये।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्बन्धित अधिकारियों की एक समिति गठित की जाये, जो समय-समय पर साक्षर बनाओ अभियान के कार्यों की निरन्तर समीक्षा सुनिश्चित करायें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाये, जो प्रदेश स्तर पर साक्षर बनाओ अभियान के कार्यों की समीक्षा करेगी।
रंजन ने कहा कि निरक्षरों को साक्षर बनाने के अभियान हेतु समाज में एक सामाजिक माहौल बनाया जाये, जिसमें अधिक से अधिक लोग अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर अभियान को सफल बनाने के लिये स्वत: प्रेरित हो सकें।
उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओं एवं शासकीय कर्मचारियों के सहयोग से डोर-टू-डोर सर्वे कराकर निरक्षर को साक्षर बनाने का अभियान चलाया जाए।