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UP Winter Assembly Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र: क्यों 16 दिसंबर है खास

UP Winter Assembly Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है। यह सत्र कई मुद्दों पर गर्मागर्म बहस का गवाह बनेगा, जिसमें बहराइच दंगा, संभल में हुई हिंसा, और झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत शामिल हैं। सत्र 31 दिसंबर से पहले आयोजित होना जरूरी है, और यह महत्वपूर्ण तिथियों जैसे 13 दिसंबर को पीएम मोदी के दौरे और 25 दिसंबर को अटल जयंती के बीच निर्धारित हो सकता है ।​

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Nov 29, 2024

UP Assembly Session

UP Assembly Session

UP Winter Assembly Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आगामी 16 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है। सत्र के दौरान बहराइच के दंगे, संभल में हुई हिंसा, और झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा होगी। सत्र का संभावित शेड्यूल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 दिसंबर के दौरे और 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के बीच तय किया गया है। सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट पेश कर सकती है और विभिन्न अध्यादेशों पर चर्चा होगी।

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उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र: 16 दिसंबर से संभावित शुरुआत
उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है। यह सत्र राज्य के लिए कई अहम मुद्दों पर बहस का मंच बनेगा। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 13 दिसंबर को उत्तर प्रदेश दौरा और 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जाएगी। इसलिए सत्र के लिए यह समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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मुख्य मुद्दे जो चर्चा में रहेंगे

बहराइच दंगे और संभल में हिंसा: हाल ही में बहराइच में सांप्रदायिक तनाव के चलते हिंसा हुई, जिसमें कई लोग घायल हुए। वहीं संभल में हुए बवाल में चार लोगों की जान चली गई। ये दोनों घटनाएं विधानसभा में विपक्ष द्वारा प्रमुखता से उठाई जा सकती हैं।

झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत: झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से विभिन्न तिथियों में 18 नवजात बच्चों की मौत हो गई। यह मामला प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विपक्षी दल इस मुद्दे को सदन में जोर-शोर से उठाने की तैयारी में हैं।

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किसानों की समस्याएं: प्रदेश में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। यह भी एक अहम मुद्दा रहेगा, जिस पर विपक्ष सरकार से जवाब मांगेगा।

अनुपूरक बजट और विधायी कार्य
शीतकालीन सत्र में सरकार का मुख्य एजेंडा अनुपूरक बजट पेश करना होगा। इसके अलावा, कई अध्यादेशों को पारित कराने का प्रयास किया जाएगा। सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है क्योंकि विपक्षी दल सरकार को इन मुद्दों पर घेरने की योजना बना रहे हैं।

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सत्र की संवैधानिक आवश्यकता
संविधान के अनुसार, विधानसभा का सत्र 31 दिसंबर से पहले बुलाया जाना अनिवार्य है। इसलिए सरकार नियमानुसार इस सत्र को समय पर शुरू करने की योजना बना रही है।