यूपीकोका से अपराध और अपराधियों पर लगाम
यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही कानून व्यवस्था सुधारने के लिए बड़े बदलाव की नीव रखनी शुरु कर दी थी। इसी क्रम में यूपी पुलिस ने हाल में अपराधियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया, जिसमें कई अपराधी मारे गए या उन्हें पुलिस के आगे घुटने टेक दिए। अब इसी तरह संगठित अपराध, अपराधियों और आतंकवाद जैसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र के मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) की तर्ज पर यूपीकोका (Uttar Pradesh Control of Organised Crime Act) लाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। उम्मीद है कि 12 दिसंबर को विधानसभा के शीत सत्र में यूपीकोका के लिए प्रस्ताव लाया जाएगा।
उम्र कैद से फांसी तक की सजा
जानकारी के मुताबिक यूपीकोका के अंर्तगत तीन साल की कैद से लेकर उम्र कैद और फांसी तक की सजा का प्रावधान होगा। वहीं आरोपियों पर 5 लाख से 25 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकेगा। इसके अंर्तगत पुलिस और विशेष सुरक्षा बलों को स्पेशल पावर दी जाएगी। ताकि वह खुलकर अपराध खत्म करने के लिए काम कर सकें।
मकोका की तर्ज पर पुलिस को मिल सकता है अधिकार
महाराष्ट्र में अपराधियों पर लगाया जाने वाले मकोका के तहत आरोपियों को आसानी से जमानत नहीं मिल पाती। वहीं आईपीसी में जहां 60 से 90 तक के अंदर पुलिस को चार्जशीट दाखिल करनी पड़ी है, वहीं मकोका में इसके लिए 180 दिन का समय मिलता है। ऐसे में यूपीकोका लागू होने के बाद यूपी में पुलिस के पास भी चार्जशीट लगाने के लिए करीब दोगुना वक्त होगा। वहीं आरोपियों की रिमांड अधिकतम 15 दिन से बढ़कर यूपीकोका में 30 दिन तक हो सकती है।
यूपी सबसे सख्त कानून वाला चौथा राज्य
उत्तर प्रदेश यूपीकोका लागू होने के बाद देश में सबसे सख्त कानून के मामले में चौथा राज्य बन जाएगा। इससे पहले 1999 में महाराष्ट्र में लागू हुए मकोका की तर्ज पर गुजरात में गुजकोक और कर्नाटक में ककोका लागू हो चुका है।
बसपा सरकार में नहीं लागू हुआ था यूपीकोका
उत्तर प्रदेश में यूपीकोका लागू करने के लिए बसपा सरकार में कवायद 2008 में की गई थी। लेकिन विधानसभा और विधानपरिषद में यूपीकोका पर सहमति बनने के बाद भी बात नहीं बनी थी। क्योंकि तत्कालीन केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को न मंजूर कर दिया था। हालांकि अब केंद्र और यूपी में दोनों जगह बीजेपी की सरकार है, ऐसे में इस बार यूपीकोका के लागू होने की पूरी संभावना जताई जा रही है।