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गांव को गोद लेकर उसे आदर्श गांव के रूप में विकसित करें- आनंदीबेन पटेल

locationलखनऊPublished: Oct 26, 2021 07:07:49 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

नैक मूल्यांकन में ए प्लस ग्रेड प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों से सम्पर्क कर उनके अनुभवों व सुझाव के आधार पर तैयारी करें

गांव को गोद लेकर उसे आदर्श गांव के रूप में विकसित करें- आनंदीबेन पटेल

गांव को गोद लेकर उसे आदर्श गांव के रूप में विकसित करें- आनंदीबेन पटेल

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के समक्ष आज राजभवन लखनऊ में नैक मान्यता के निर्धारित मापदंड प्राप्त करने के लिए चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर ने वर्ष 2016-2017 से वर्ष 2020-2021 तक की अपनी स्वमूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय विगत 5 वर्ष की उपलब्धि की रिपोर्ट नैक के लिये निर्धारित सभी 7 मानकों के साथ तैयार करें तथा और 7 कमेटी गठित कर प्रत्येक कमेटी को प्रतिवर्ष का डाटा संकलन की जिम्मेदारी भी दे, ताकि विश्वविद्यालय का सतत मूल्यांकन किया जा सके।
कुलाधिपति ने कहा कि नैक मूल्यांकन के समय गठित कमेटियां अपने-अपने विषय पर उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण दें। उन्होंने कहा कि इस कार्य हेतु अभी से तैयारी शुरू कर देें। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि नैक मूल्यांकन में ए प्लस ग्रेड प्राप्त करने वाले 8-10 विश्वविद्यालयों से सम्पर्क कर उनके अनुभवों व सुझाव के आधार पर तैयारी करें साथ ही विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलकूद, सेमिनार, पूर्व छात्र सम्मेलन, रोजगार मेले जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देें, इससे नैक मूल्यांकन के समय अधिक अंक अर्जित किये जा सकते है।
उन्होंने कहा कि मूल्यांकन में विश्वविद्यालय द्वारा किये गये अनुसंधान और उसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में किस सीमा तक हुआ है, इसका विशेष महत्व है। इसलिये लैब-टू-लैण्ड कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दें और गांव को गोद लेकर उन्हें हर तरह से सुविधा सम्पन्न करते हुए “आदर्श” गांव के रूप में विकसित करें।
राज्यपाल ने कहा कि विभागवार जो अच्छे कार्य किये गये है उनको भी नैक मूल्यांकन के समय दर्शाया जाये। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा गेहूं, उरद एवं मूंग उत्पादन के लिये किये जा रहे न्यूक्लियर सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम एवं ब्रीडर सीड़ प्रोडक्शन कार्यक्रम की सराहना करते हुए उसे और अधिक बढ़ाये जाने के निर्देश दिये, ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा किये गये ई-कन्टेंट तथा अनुसंधान कार्य विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपलोड कराये और समस्त शैक्षणिक स्टॉफ एवं वैज्ञानिकों की कार्य गतिविधियों का भी मूल्यांकन करे तथा उत्तरोत्तर सुधार वाले कार्मिकों को प्रोत्साहित भी करें।
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