कुलाधिपति ने कहा कि नैक मूल्यांकन के समय गठित कमेटियां अपने-अपने विषय पर उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण दें। उन्होंने कहा कि इस कार्य हेतु अभी से तैयारी शुरू कर देें। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि नैक मूल्यांकन में ए प्लस ग्रेड प्राप्त करने वाले 8-10 विश्वविद्यालयों से सम्पर्क कर उनके अनुभवों व सुझाव के आधार पर तैयारी करें साथ ही विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलकूद, सेमिनार, पूर्व छात्र सम्मेलन, रोजगार मेले जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देें, इससे नैक मूल्यांकन के समय अधिक अंक अर्जित किये जा सकते है।
उन्होंने कहा कि मूल्यांकन में विश्वविद्यालय द्वारा किये गये अनुसंधान और उसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में किस सीमा तक हुआ है, इसका विशेष महत्व है। इसलिये लैब-टू-लैण्ड कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दें और गांव को गोद लेकर उन्हें हर तरह से सुविधा सम्पन्न करते हुए “आदर्श” गांव के रूप में विकसित करें।
राज्यपाल ने कहा कि विभागवार जो अच्छे कार्य किये गये है उनको भी नैक मूल्यांकन के समय दर्शाया जाये। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा गेहूं, उरद एवं मूंग उत्पादन के लिये किये जा रहे न्यूक्लियर सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम एवं ब्रीडर सीड़ प्रोडक्शन कार्यक्रम की सराहना करते हुए उसे और अधिक बढ़ाये जाने के निर्देश दिये, ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा किये गये ई-कन्टेंट तथा अनुसंधान कार्य विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपलोड कराये और समस्त शैक्षणिक स्टॉफ एवं वैज्ञानिकों की कार्य गतिविधियों का भी मूल्यांकन करे तथा उत्तरोत्तर सुधार वाले कार्मिकों को प्रोत्साहित भी करें।