माइक्रो फाइनेंस एसोसिएशन आफ इण्डिया ‘उपमा’ की ओर से फेडरेशन आफ इंडियन चैम्बर्स आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री ‘फिक्की’ के सहयोग से 24 कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ यहां हिल्टन गार्डन होटल में आयोजित तीसरे राज्य स्तरीय माइक्रो फाइनेंस कान्फ्रेन्स-2018 में हुए विमर्ष में यह बात उभरकर सामने आई। उद्घाटन विषेष सचिव वित्त नीलरतन कुमार ने किया। जबकि, समापन करते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री सत्यदेव पचैरी ने बताया कि सरकार स्टार्टअप के लिए 25 लाख तक का आसान ऋण दे रही है। ऋण उपलब्ध कराने से लेकर कारोबार शुरू करने में जो भी दिक्कतें सामने आ रही हैं उन्हें हरसम्भव दूर करने का यत्न हो रहा है।
इस अवसर पर पहले सत्र में सूक्ष्म वित्त व नियामक निकायों की वर्तमान दिक्कतों को दूर करने की भूमिका में उभरते अवसर पर मुख्य रूप से नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एके सिंह व सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक प्रकाशकुमार ने अपने अनुभव सामने रखे। दूसरे सत्र में बैंकों के व्यापारिक प्रतिनिधियों को माइक्रोफाइनेंस में किन तौर तरीकों से आगे बढ़ा जाए इसपर चर्चा चली। अंतिम सत्र में इस क्षेत्र में सुरक्षित व उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए प्रभात लाभ, हर्ष श्रीवास्तव, पुनीत जैन आदि ने विचार रखे।
इस अवसर पर उपमा के सीईओ सुधीर सिन्हा ने सभी माइक्रो फाइनेंस इकाइयों का आहवान करते हुए कहा कि हमें सूक्ष्म उद्यमियों और खासकर महिला उद्यमी परिवारों का पूरा ख्याल रखने के साथ ही लघु उद्योग कारोबारियों को ऋण उपलब्ध कराने के साथ कर्ज पाने को लेकर उनकी दिक्कतों को भी दूर करना होगा। साथ ही उन्हें डिजिटल बनाते हुए कैशलेस ट्रांसजेक्शन की तरफ मोड़ना होगा, ताकि समुचित वित्तीय समावेष हो और गरीबी उन्मूलन की दिषा में ढंग से काम करते हुए माइक्रो फाइनेन्स कम्पनियां पारदर्षिता के साथ प्रदेश के विकास में योगदान कर सकें। प्रमुख सचिव खादी ग्रामोद्योग नवनीत सहगल ने खादी और माइक्रो फाइनेंस के बारें में बताया।
सिडबी, यूनियन बैंक, नाबार्ड, माइक्रो फाइनेंस इण्डिया व साधन के सहयोग से आयोजित सम्मेलन में तमाल बंद्योपाध्याय, पुनीत जैन, एन.कलेंगड़ा, बीसी फेडरेशन के चेयरमैन आनन्द श्रीवास्तव आदि ने सारगर्भित ढंग से स्थितियों को आकलन करते हुए विचार व्यक्त किए।