शिवपाल यादव ने किया ट्वीट- शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, “संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के कैडर एवं सेवा आवंटन नियमों में संशोधन करने के केंद्र सरकार के फैसले की मैं दृढ़ता से निंदा करता हैं। यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा पहले से ही सर्वग्राही है, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार द्वारा विस्तृत पैमाने पर समग्र मूल्यांकन किया जाता है। वर्तमान प्रणाली अच्छी तरह से चल रही है और इसमें पक्षधरता की संभावना कम है, लेकिन सरकार के इस फैसले से डर और दबाव में रह रहे एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक वर्ग के मन में पक्षपात होने की आशंका है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि पूर्व की व्यवस्था, जिसमें सर्व वर्गों का विश्वास है, उसे बनाए रखें।”
राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार को घेरा- वहीं कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मामले में केंद्र सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, छात्रों उठो, आपका भविष्य खतरे में है। आरएएस आपसे आपका हक छीन लेना चाहता है। नीचे दिया गया पत्र ये पीएम मोदी के प्लान को सार्वजनिक करता है जिसमें वो आरएसएस के पसंदीदा अधिकारियों की नियुक्ती केंद्रीय सेवा में चाहते हैं। इसके लिए एग्जाम में रैंकिंग की बजाए व्यक्तिपरक मानदंड को आधार बनाकर मेरिट लिस्ट को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है।
क्या है केंद्र का सुझाव- दरअसल पीएम कार्यालय ने संघ लोक सेवा आयोग ? को एक पत्र जारी कर सुझाव दिया है जिसमें वो चाहते हैं कि मौजूदा सिविल सर्विसेज परीक्षा में कैडर एवं सेवा आवंटन की जो प्रक्रिया है, उसमें बदलाव हो। इसके लिए प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के बाद फाउंडेशन कोर्स के मार्क्स को भी अभ्यर्थी की मेरिट में शामिल किया जाए। साथ ही इसके बाद मेरिट के आधार पर कैडर एवं सेवा का आवंटन हो। केंद्र ने ये मांग की है कि इस प्रक्रिया को इसी सत्र से शुरू किया जाए।