आयोग का यह फैसला परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए राहतपूर्ण होगी। आयोग का एेसा विचार है कि साल में अधिकतम दो या तीन परीक्षाएं ही कराई जाएगी। यूपीएसएसएससी चेयरमैन के मुताबिक पहले किसी विभाग के रिक्त पदों की सूचना आने पर विज्ञापन जारी कर दिया जाता था। इसके चलते युवाअों को बार-बार परीक्षा में देने जाना पड़ता था। चूंकि आयोग के अधीन सभी पद समूह ‘ग’ के हैं । एेसे में जिस तरह आईएएस व पीसीएस में कई विभागों के लिए एक तरह से रेगुलर परीक्षा होती है, वैसा ही सिस्टम यूपीएसएसएसी में भी शुरू करने का प्रयास करेंगे।
20,335 पदों पर अटकी भर्तियों का रास्ता साफ
जानकारी हो कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूपीएसएसएससी समूह ग के तहत 20,335 पदों के भर्तियों का रास्ता साफ कर दिया है। यह भर्तियां तीन महीने के भीतर ही शुरू हो जाएगी।
जानकारी हो कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूपीएसएसएससी समूह ग के तहत 20,335 पदों के भर्तियों का रास्ता साफ कर दिया है। यह भर्तियां तीन महीने के भीतर ही शुरू हो जाएगी।
जानकारी हो कि सपा शासन में आयोग ने कई विभागों के समूद ‘ग’ के 20335 पदों पर भर्ती की थी। इसमें भ्रष्टाचार की तमाम शिकायतें सामने आई थीं। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद इन नियुक्तियों की विजिलेंस जांच का फैसला किया था। इसके बाद से पूरी प्रक्रिया ठप पड़ी थी।
भर्तियों की सीबीआई जांच की वजह है ये उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि पीसीएस व लोअर सब ऑर्डिनेट परीक्षा में स्केलिंग के नाम पर एक क्षेत्र विशेष व जाति विशेष के अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाने, पेपर आऊट हो जाने के बावजूद भी परीक्षा निरस्त न करने, व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने, उत्तर पुस्तिका बदलने, आरक्षण सम्बन्धी नियमों का उल्लंघन करने, क्षेत्र व जाति विशेष के अभ्यर्थियों को अधिक अंक दिए जाने की शिकायतें मिली थीं। परीक्षाओं में धांधली के कारण योग्य परीक्षार्थियों के साथ अन्याय हुआ, जिससे उनमें कुंठा व हताशा हुई। इसलिए सीबीआई जांच का निर्णय लिया गया।