पुलिस के मुताबिक, 2018 के सितंबर में जो एग्जाम हुए थे, उनकी स्कैनिंग का काम दिल्ली की एसआएन कंपनी को दिया गया था, लेकिन स्कैनिंग केडी इंटरप्राइजेज से हुई। ओएमआर शीट में गड़बड़ी का मामला खुलते ही यूपीएसएसएससी के अनुसचिव राम नरेश प्रजापति ने 29 अगस्त 2019 लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई थी। एसआईटी ने जांच के दौरान 46 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इनमें से 11 को गिरफ्तार कर लिया गया है, जल्द ही एजेंसी से भी जल्द ही पूछताछ की जाएगी।