याचिका की सुनवाई में दिया फैसला हाईकोर्ट में इससे संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने यह आदेश दिया। इसी क्रम में अब जूनियर हाईस्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों को भी प्रधानाध्यापक बनने के लिए टीईटी पास करना होगा। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, सीमांत सिंह और बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता भूपेंद्र यादव आदि ने पक्ष रखा
कोर्ट में सुनवाई के दौरा याचिकाकर्ता का कहना था कि बेसिक शिक्षा परिषद ने 23 मार्च 2018 को सर्कुलर जारी कर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रोन्नति की सूचना जारी कर दी है। वरिष्ठता सूची भी लगभग तैयार है, मगर इसमें एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना का पालन नहीं किया जा रहा है। अधिसूचना के अनुसार उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रोन्नति के लिए टीईटी अनिवार्य है।
12 नवंबर 2014 को जारी हुआ था परिपत्र एनसीटीई ने 12 नवंबर 2014 को जारी परिपत्र में प्रोन्नति में भी टीईटी अनिवार्य किया है। इसी प्रकार से 11 फरवरी 2011 को जारी गाइड लाइन में भी कक्षा एक से पांच और छह से आठ तक पढ़ाने वाले अध्यापकों की नियुक्ति और प्रोन्नति के लिए अलग-अलग टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। कोर्ट ने एनसीटीई के अधिवक्ता से भी इस संबंध में जानकारी मांगी थी। एनसीटीई की ओर से बताया गया कि नियुक्ति और प्रोन्नति दोनों के लिए टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही प्रोन्नति देने का आदेश दिया है।