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शरीर में हो दर्द तो पैरासिटामोल, आईब्रूप्रोफेन नहीं हल्दी का करें उपयोग

locationलखनऊPublished: Mar 03, 2018 06:23:24 pm

हल्की बुखार या शरीर में दर्द और ऐंठन होने पर आमतौर पर लोग पैरासिटामोल की गोली का उपयोग करते हैं।

turmeric
लखनऊ. हल्की बुखार या शरीर में दर्द और ऐंठन होने पर आमतौर पर लोग पैरासिटामोल की गोली का उपयोग करते हैं। एलोपैथी की यह दवा दर्द से आराम तो दिला देती है लेकिन इसके कई तरह के साइड इफेक्ट भी होते हैं। आमतौर पर लोग ऐसे साइड इफेक्ट्स को लेकर बेपरवाह रहते हैं। हालाँकि आयुर्वेद में कई ऐसे उपाय बताये गए हैं जिनके उपयोग से दर्द से आराम भी मिल सकता है और उसके साइड इफेक्ट भी कम हैं।
दर्द कुछ ही समय में छूमंतर

आयुर्वेद में कई ऐसे उपाय बताये गए हैं जिनसे दर्द कुछ ही समय में छूमंतर हो जाता है। हल्दी को ऐसी ही कारगर दवा मानी जाती है। हल्दी हर घर में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। चोट, मोच और अन्य रोगों में भी इलाज में इसका उपयोग होता रहा है। अब वैज्ञानिक भी हल्दी के महत्त्व की पहचान को स्वीकार कर इस पर रिसर्च में जुटे हैं। विदेशी वैज्ञानिक भी हल्दी की ताकत को स्वीकार करने लगे हैं।
अन्य बीमारियों में भी हल्दी असरकारक

लखनऊ स्थित सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के हल्दी से जुड़े कई अनुसंधानों पर रोम के मिलान में स्थित इंस्टीट्यूट ने अपनी मुहर लगाई है। शोध में कहा गया है कि दर्द निवारक के रूप में हल्दी से अधिक कारगर कोई दवा नहीं है। शोध में माना गया है कि पैरासिटामोल और आईब्रूफेन से अधिक लाभदायक और कारगर दवा हल्दी है जिसका कोई साइडइफेक्ट नहीं है। रिसर्च के अनुसार कई अन्य तरह की बीमारियों में भी हल्दी असरकारक साबित होता है। इतना ही नहीं, बुजुर्गों को रोज हल्दी चूर्ण देने से उन्हें शरीर में होने वाले दर्द में फायदा मिलता है।
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