राज्य में बीजेपी के संगठन का पुनर्गठन आगामी पंचायत चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। यूपी भाजपा के पद पर निर्वाचित होेते ही स्वतंत्र देव सिंह इसके संकेत भी दे चुके हैं। भले ही स्वतंत्र देव सिंह बीते छह महीनों से यूपी में भाजपा के अध्यक्ष हैं, लेकिन उन्होंने पुरानी परम्परा का निर्वहन करते हुए संगठन में कोई फेरबदल नहीं किया। गौरतलब है कि अभी तक भाजपा की परम्परा रही है कि किसी विशेष परिस्थिति में प्रदेश अध्यक्ष बदल भी जाये तो बीच में पदाधिकारियों में आमतौर पर कोई बदलाव नहीं किया जाता है। स्वतंत्र देव सिंह अब भारतीय जनता पार्टी निर्वाचित अध्यक्ष हैं। इसी वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव उनकी परीक्षा लेने को तैयार हैं, जिसके लिए वह नई टीम गठित करने जा रहे हैं।
…तो इनसे छिनेगा संगठन का पद
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव बालियान केंद्र सरकार में राज्यमंत्री हैं व अक्षयवरलाल गोंड बहराइच के सांसद हैं। पार्टी पदाधिकारी पुरुषोत्तम खंडेलवाल उपचुनाव में आगरा उत्तरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बन गये। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कर्दम राज्यसभा की सदस्य हैं। उपाध्यक्ष जसवंत सैनी व बीएल वर्मा व कुछ अन्य पदाधिकारी राज्यमंत्री का दर्जा पा गये हैं। पार्टी के मंत्रियों में सुब्रत पाठक कन्नौज से सांसद हैं। कौशलेंद्र पटेल केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य और अमरपाल मौर्य व धर्मवीर प्रजापति भी राज्यमंत्री का दर्जा पा चुके हैं। प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया और नीलिमा कटियार भी सरकार में मंत्री हैं। भाजपा के ‘एक व्यक्ति और एक पद के सिद्धांत’ के नाते संगठन के पुनर्गठन में इन्हें पदाधिकारियों का पद छोड़ना पड़ेगा।
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कांग्रेस सिंह से स्वतंत्र देव सिंह कैसे बने गये यूपी बीजेपी अध्यक्ष